राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का इलाज रिम्स के पेइंग वार्ड में चल रहा है। लालू का इलाज कर रहे मेडिसीन के एचओडी डाक्टर विद्यापति ने बुधवार को बताया कि लालू क्रिएटिनीन लेवल 3.5 से बढ़कर 4.1 हो गया है। इस वजह से उनके मछली खाने पर रोक लगा दी गयी है।
लालू को पूर्व में भी संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई थी लेकिन वह इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। हर दिन अपनी मर्जी से भोजन में बदलाव कर रहे हैं। इसका असर उनकी किडनी और स्वास्थ्य पर दिख रहा है।डॉक्टरों ने दोबारा उन्हें प्रोटीन लेने से मना कर दिया है। मछली सहित किसी तरह का नॉनवेज खाने पर पूरी तरह से रोक दी गई है। डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया है कि अगर प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन बंद नहीं किया गया तो किडनी पूरी तरह डैमेज हो जाएगी। डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाएंगे।
किडनी ज्यादा डैमेज होने के कारण रिम्स के डॉक्टरों की सात सदस्यीय टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही है। किडनी की बीमारी फोर्थ स्टेज में लंबे समय से है। डायलिसिस की जरूरत नहीं है। क्रिएटिनीन के अलावा बीपी और शुगर की स्थिति सामान्य है। समय समय पर लगातार जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले 20 दिनों से लालू दांत दर्द की समस्या से जूझ रहे थे। उनके दांत का दो बार आरसीटी भी जा चुकी है। इसके बाद लालू को दांत दर्द से राहत मिल चुकी है।
डाक्टर ने बताया कि एक सप्ताह बाद दोबारा उनकी किडनी की जांच कराई जाएगी। वर्तमान दवाएं अगर असरदार साबित नहीं हुईं तो नई दवाएं चलाई जाएंगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें एम्स दिल्ली भी रेफर किया जा सकता है। क्रिएटिनीन लेवल नियंत्रित करने के लिए लालू यादव को कई तरह की सलाह दी गई है। उन्हें संयमित भोजन करने को कहा गया है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी परेशानी और बढ़ जाएगी। मालूम हो कि चारा घोटाले के मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में वह रांची जेल में सजा काट रहे हैं। स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में रखा गया है।