रांची। ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम और सीए मुकेश मित्तल सहित अज्ञात पर दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा में फर्जी पैन कार्ड के सहारे कंपनी बनाने और 100 करोड़ से अधिक की मनी लांड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। ईडी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ईडी की जांच में यह पता चला था कि श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स नाम की कंपनियों के सहारे गेंदा राम की खाते में 4.30 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए थे। वीरेंद्र राम ने पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर किए गए पैसों से दिल्ली में जमीन खरीदी थी। सचिन गुप्ता के नाम से बनाए गए फर्जी पैन के सहारे ही इन तीनों कंपनियों को खोला गया था। मामले की जांच के बाद ईडी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर वीरेंद्र राम और सीए मुकेश मित्तल सहित कई अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया था।
ईडी की जांच में यह भी बात सामने आई है कि काली कमाई को सफेद करने के लिये वीरेंद्र राम ने फर्जी नाम से कई पैन कार्ड बनवाया था। पैन संख्या डीजीआरपीजी 506 एफ, डीजीआरपीजी 1369 ए, डीजीआरपीजी 3661 क्यू जांच में फर्जी पाए गए। इन पैन कार्ड के जरिये वीरेंद्र राम ने फर्जी कंपनियां बनवाई। इसके बाद साल 2021 में 18 करोड़, साल 2022 में 43 करोड़, साल 2023 में 23 करोड़ खाते में जमा करवाए गए।
जांच में पता चला कि गेंदा राम के बैंक खाते में हाल ही में 30 दिनों में एक बड़ी राशि प्राप्त हुई थी। यह राशि मुकेश मित्तल के कर्मचारियों-रिश्तेदारों के खातों से प्राप्त हुई थी। यह देखा गया कि गेंदा राम के बैंक खातों में प्राप्त धन मुख्य रूप से तीन व्यक्तियों से आया था। ये तीनों व्यक्ति या तो सीए मुकेश मित्तल के रिश्तेदार या कर्मचारी हैं। ईडी की जांच में पता चला कि ये व्यक्ति राकेश कुमार केडिया, मनीष और नेहा श्रेष्ठ या तो उनके रिश्तेदार और कर्मचारी के रिश्तेदार हैं।