नवादा। इन दिनों देशभर में रामनवमी की तैयारी धूमधाम से चल रही है। इस मौके पर लोग अपने घरों, प्रतिष्ठानों में महावीरी ध्वज लगाते हैं। इस दौरान शहर और गावों में निकलने वाली शोभा यात्रा में भी इस महावीरी ध्वज का विशेष महत्व होता है। खास बात ये है कि नवादा का एक मुस्लिम व्यक्ति मो नसीम महावीरी पताका बनाता है। जिसे खरीदने के लिए लोग इसके पास पहुंचते हैं।
नवादा में हमेशा से गंगा जमुना तहजीब की मिशाल कुछ लोगो ने पेश की है। यहां दोनों समुदाय के लोग अक्सर आपसी भाईचारे के साथ त्योहार मनाते हैं। कुछ ऐसा ही करते हैं नवादा के मो. नसीम जिनकी कई पीढ़ियां रामनवमी पर महावीरी पताका बनाती आ रही है। नवादा शहर के भदौनी मोहल्ले के रहने वाले मो नसीम हर साल रामनवमी के मौके पर झंडा बनाते हैं। लोग हर साल इन्ही दर झंडा खरीदना पसंद करते हैं। शहर के मेनरोड में महावीरी ध्वज बेच रहें है।
मोहम्मद नसीम बताते हैं कि अपने पूर्वजों से संस्कार पाया है कि धर्म से बड़ा इंसानियत होता है इसलिए वह मुसलमान होकर भी रामनवमी के मौके पर हिंदू भाइयों के लिए झंडा बनाकर बेचते हैं। मो नसीम बताते हैं कि आज के तारीख में है कुछ कट्टरपंथियों की वजह से समाज में हिंसा बढ़ रही है। इसके बाद भी उन्होंने अपने पूर्वजों से संस्कार को कायम रखा है और हर साल रामनवमी के मौके पर झंडा बना कर बेचते हैं ताकि शहर और देश में संप्रदायिक सद्भाव का संदेश जाए।
नसीम का मानना है धर्म के लिए कट्टरपंथ सिर्फ कष्ट दे सकता है। धर्मनिरपेक्षता से ही भारत को विकास की ओर आगे बढ़ा सकता है। मो नसीम की दुकान पर आने वाले ग्राहक उनकी सराहना करते हैं रामनवमी के मौके पर झंडा खरीदने पहुंचे लोग बताते हैं कि नसीम जैसे लोगों की वजह से ही भारत की संस्कृति विश्व विख्यात है। हिंदू मुस्लिम भाईचारगी की यह एक अच्छी मिसाल है। मो नसीम की इसी सोच की वजह से लोग यहां से झंडे खरीदने लोग पहुंचते है ।

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