काठमांडू। अमेरिका ने नेपाल को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए एक पारगमन बिंदु होने के खतरे की ओर इशारा किया है। उसने भारत के साथ नेपाल की खुली सीमा और अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कमजोर सुरक्षा के कारण इसे आतंकवादियों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बनने के खतरे के प्रति आगाह किया।

अमेरिकी विदेश विभाग के तहत आतंकवाद विरोधी ब्यूरो ने वर्ष 2021 वैश्विक आतंकवाद रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि भले ही नेपाल स्वयं आतंकवाद का सामना नहीं करता है लेकिन यह एक पारगमन बिंदु बन सकता है।

रिपोर्ट के पेज 179 और 180 पर नेपाल का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कुछ सीमा चौकियों पर जरूरी जांच नहीं होती है और कुछ जगहों पर सिर्फ एक कर्मचारी है। रिपोर्ट में लिखा है, ‘भारत के साथ खुली सीमा और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पर्याप्त सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण नेपाल अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए ट्रांजिट पॉइंट बन सकता है।’

संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा है कि वर्ष 2021 में नेपाल में कोई आतंकवादी गतिविधि नहीं हुई है और यह स्पष्ट कर दिया है कि नेपाल ने जानबूझकर किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूह का समर्थन नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल ने जानबूझकर किसी भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूह को राजनीतिक, कूटनीतिक और वित्तीय सहायता नहीं दी और उन्हें सुरक्षित भूमि प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी। नेपाल के एयरपोर्ट की सुरक्षा कमजोर बताई जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्री की प्री-स्क्रीनिंग, लैंडिंग डेटा किसी डेटाबेस में नहीं है।

ऐसा कहा जाता है कि अमेरिकी समर्थन से संबंधित मिलेनियम चैलेंज कॉर्पोरेशन (एमसीसी) के खिलाफ विरोध और हिंसा की धमकियां दी गई हैं और यह कहा गया है कि एमसीसी की वकालत करने वाले व्यक्ति को यूट्यूब से वीडियो धमकी मिली है। इसके बावजूद रिपोर्ट में इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की गई है कि नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों और एमसीसी समर्थकों ने बिना किसी घटना के इसे संबोधित किया है। हालांकि नेपाल के बारे में रिपोर्ट में भारत और मध्य पूर्व का उल्लेख नहीं है लेकिन चीन के बारे में कुछ उल्लेख है। हाल के दिनों में नेपाल में चीनी गतिविधियां बढ़ रही हैं। मध्य पूर्व के देशों की भी गतिविधियां बढ़ रही हैं।

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