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यमुनानगर। जिले के विभिन्न स्कूलों के अभिभावक बड़ी संख्या में सोमवार को अभिभावक सेवा मंच के पदाधिकारियों के साथ अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मन्त्री से मुलाकात करने जगाधरी उनके निवास पर पहुँचे। तहसीलदार कृष्ण कुमार को ज्ञापन सौंपा।

इस मौके पर अभिभावक सेवा मंच के महेंद्र मित्तल ने कहा कि मुख्य मुद्दा छ साल से कम उम्र के बच्चो को पहली कक्षा में न दाखिल करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों का साल, पूरे साल की बस फीस, वार्षिक शुल्क , स्कूल फीस, टयूशन फीस, किताबें, कापियां, स्टेशनरी आदि बर्बाद होने का खतरा बताया। कई स्कूलों का एक-दो दिन में परीक्षा परिणाम भी आने वाला है। उन्होंने कहा कि यह नियम सीधे तौर पर स्कूलों के साथ मिलकर तैयार किया गया है। पूरे देश में सत्ताधारी पार्टी स्कूलों के माथ्यम से अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रही है जोकि ,सरासर गलत है।

उन्होंने कहा कि एक साल से भी अधिक समय से हमने 58 स्कूलों की हुई जांच सार्वजनिक करने की मांग उठाई थी। परन्तु सरकार निजी स्कूलों से मिलीभगत कर आगामी चुनावों के लिए स्कूलों से चंदा बोटोरने का कार्य कर रही है। बच्चों की शिक्षा पर सिर्फ कागजी योजनाएं चला रही है। चिराग योजना और फार्म 134 के तहत दाखिले के लिए अभिभावक धक्के खाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि चिराग योजना में सरकार की मंशा पर तो सरकारी अध्यापक तक सवाल उठा चुके हैं। आने वाले वर्षों में फंड खत्म होने का बहाना करके सरकार इस योजना को बंद कर देगी।इस मौके पर बड़ी संख्या में मंच के पदाधिकारी और अभिभावक शामिल रहें।

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