अब जांच के बाद ही आवास निर्माण के लिए खाते में जायेगी राशि
रांची। झारखंड सरकार द्वारा प्रारंभ की गयी अबुआ आवास योजना में लाभुकों के चयन में कई गड़बड़ी होने की शिकायत सामने आ रही है। तय लक्ष्य के अनुसार लाभुकों की सूची जो सामने आ रही है, उसमें ही गड़बड़ी किये जाने की शिकायत लगातार सरकार को मिल रही है। कई ग्राम पंचायत के मुखिया पर भी आरोप लग रहे हैं कि सूची तैयार कराने में उनकी भूमिका सही नहीं थी, वहीं कई ग्राम पंचायत के मुखिया स्वयं ही रिपोर्ट कर रहे हैं कि गलत सूची बनायी गयी है। ग्रामसभा में भी अनदेखी हुई।
ऐसे में ग्रामीण विकास विभाग ने लाभुकों की सूची की विस्तृत जांच के बाद ही अबुआ आवास योजना के लिए राशि भुगतान करने का आदेश सभी जिलों को दिया है। बता दें कि इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में दो लाख लाभुकों को आवास देने का लक्ष्य रख कर योजना स्वीकृत की गयी। तीन साल में आठ लाख को आवास देने का टारगेट था। लाभुकों से आवेदन लिये गये। करीब 30 लाख लाभुकों ने आवेदन किया। इसकी जांच प्रारंभिक रूप से करायी गयी है, जिसमें करीब 20 लाख लाभुकों को योग्य पाया गया। सरकार ने ऐसे में लाभुकों के लक्ष्य को बढ़ा कर 20 लाख तक करने की स्वीकृति दी है। अब इस सूची में शिकायत सामने आ रही है। कई जगह यह बात सामने आयी कि एक ही परिवार के कई लोगों ने आवेदन किये और इनको आवास भी स्वीकृत हुआ है। अब शिकायतें सामने आ रही हैं कि इनके चयन में गड़बड़ियां की गयी हैं।
550 करोड़ से अधिक का हुआ है आवंटन, अब जांच के बाद ही लाभुकों के खाते में भेजी जा रही राशि
झारखंड सरकार ने वैसे गरीबों के लिए अबुआ आवास योजना शुरू की है, जिन्हें अब तक इंदिरा आवास, पीएम आवास ग्रामीण, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आवास योजना सहित किसी अन्य योजना से आवास स्वीकृत नहीं हुआ। इस वित्तीय वर्ष ऐसे दो लाख लाभुकों को आवास देने के लिए चयन किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों के बीच 550 करोड़ रुपये की राशि पहली किस्त के रूप में निर्गत भी की है। चार किस्त में दो लाख रुपये की राशि दी जानी है। पहली किस्त में 30-30 हजार रुपये काम शुरू कराने, फिर लिंटल, ढलाई और पूर्ण होने के बाद राशि दी जायेगी। ऐसे में विभिन्न शिकायतों के बाद सरकार ने लाभुकों की फिर से जांच करा कर ही राशि उनके बैंक खाते में डालने का निर्देश दिया है, ताकि योग्य लाभुक को ही इस योजना का लाभ मिल सके।