रांची। देश में आजादी के बाद पहली बार डर-भय, इडी का खौफ और तानाशाही फासीवादी साये में आम चुनाव हो रहा है। अब तक देश में 17 आम चुनाव हो चुके हैं, मगर इस चुनाव में जो माहौल है, वैसा कभी नहीं रहा। पहले तो गठबंधन की बात करने और गठबंधन करने पर इडी आती थी। मगर अब तो हालात इतने खराब हो गये हैं कि प्रत्याशी घोषित होते ही इडी उसके घर पहुंच जा रही है। उक्त बातें झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहीं। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बुधवार को महाराष्ट्र में यही हुआ। शरतचंद्र रेड्डी से इलेक्टोरल बांड के जरिये चंदा लेकर उसे सरकारी गवाह बना कर एक चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री को जेल भेज दिया जा रहा है, जबकि जो 55 करोड़ का बांड भाजपा के खाते में आया, उस पर इडी चुप रहती है। क्या यह मनी लॉड्रिंग का मामला नहीं है। देश के पीएम इडी के द्वारा जब्त पैसे को बंगाल चुनाव में खर्च करने और बांटने की बात करते हैं। पीएम ऐसा कह रहे हैं कि जैसे इडी द्वारा जब्त पैसा भाजपा के खाते में जा रहा है। मगर ऐसे मामलों पर इलेक्शन कमीशन चुप और खामोश रहता है। कहां है लेवल प्लेइंग ग्राउंड, कैसे होगा निष्पक्ष चुनाव, यह बड़ा सवाल है। भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार और इडी पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसी जमीन जिसका मालिकाना हक अब भी जमीन मालिक के पास है, गलत एवं फर्जी कागज बना कर, तथ्यों को छुपा कर हेमंत सोरेन को मनी लॉड्रिंग का मामला बता कर जेल भेज दिया जाता है। मगर शरत चंद्र रेड्डी, जो 55 करोड़ रुपये भाजपा के खाते में डाल कर सरकारी गवाह बन जाता है, उसका मामला पीएमएलए का नहीं। इतना ही नहीं, रेड्डी ने भाजपा के सहयोगी दलों के खाते में चुनावी बांड के पैसे डाले। ऐसे हालात बन गये हैं देश में। भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश में आम चुनाव हो रहे हैं। हर राजनीतिक दल को चुनावी प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर एवं एयरक्राफ्ट चाहिए, मगर देश के 55 प्रतिशत हेलीकॉप्टर एवं एयरक्राफ्ट भाजपा ने बुक करा लिये हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि उनके पास चुनाव लड़ने का पैसा नहीं है। जब अबकी बार 400 पार होने जा रहा है, पूरे देश में भाजपा की लहर है तो चुनाव के लिए पैसे की क्या जरूरत है। बस नामांकन करने के लिए तो केवल 15-20 हजार रुपये की जरूरत है और वो खुद एक वकील रह चुकी हैं। क्या यही है इलेक्शन कमीशन का लेवल प्लेइंग ग्राउंड। अन्य दल आखिरकार कैसे चुनाव लड़ेंगे, कैसे प्रचार-प्रसार करेंगे। भट्टाचार्य ने कहा कि अब राजनीतिक दलों में भी 40 प्रतिशत आरक्षण लागू होना चाहिए, ताकि कम से कम 20 प्रतिशत टिकट और पद पार्टी के लोगों को मिले। झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाहरी, नेता प्रतिपक्ष बाहरी, सचेतक बाहरी अब तो 13 लोकसभा सीट में सात सीट पर प्रत्याशी बाहरी यानी दूसरे दल से आये नेता हैं।
पहली बार डर-भय, इडी का खौफ और तानाशाही के साये में चुनाव हो रहा है: झामुमो
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