रांची। बिना कोई नियोजन नीति के राज्य में हो रही नियुक्तियों में दूसरे राज्यों के लोगों की बहाली, अल्पसंख्यक अधिकारियों के ट्रांसफर में भेदभाव के खिलाफ आजसू पार्टी केंद्रीय कार्यालय में रांची जिला के आजसू पार्टी कार्यकर्ता की बैठक शनिवार को हुई। केंद्रीय संगठन सचिव एस अली ने कहा कि झारखंड के संसाधनों और नौकरी में आदिवासी-मूलवासी का ही अधिकार है, लेकिन चंपाई सोरेन सरकार ने झारखंडी भावनाओं के दरकिनार कर गैर आरक्षित पद दूसरे राज्यों के लोगों के लिए सुरक्षित कर दिया है।
वर्तमान पीजीटी शिक्षक और जूनियर इंजीनियर नियुक्ति में बड़े पैमाने पर उतरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और दिल्ली के लोगों को सरकार द्वारा नियुक्त पत्र दिया गया, जो निंदनीय है और झारखंडी युवाओं के अधिकार छीनने जैसा है। सरकार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के आधार पर वर्ष 2013, 2016 में टेट उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को नजरंदाज कर पहले प्रारंभिक विधालयों के लिए रिक्त सहायक शिक्षक पद का नाम बदला और ग्रेड पे आधा किया, उसके बाद उर्दू सहायक शिक्षक के खाली 3712 पदों का नाम सहायक आचार्य कर दिया। वहीं ग्रेड पे 4200 को घटाकर 2400 कर दिया गया। सरकार के इस निर्णय से युवाओं में निराशा है। बैठक में जियाउद्दीन अंसारी, नौशाद आलम, अब्दुल गफ्फार, एकराम हुसैन, अफताब आलम, जावेद अंसारी, इमरान अंसारी, अबु रेहान, अब्दुल बारी, शेख अयुब, नसीम अंसारी, फिरोज अंसारी आदि शामिल थे।

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