रांची: झारखंड में भ्रष्ट अधिकारियों पर गाज गिरनेवाली है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) 2014 के पहले दर्ज सभी मामलों में जांच तेज करने जा रही है। राज्य सरकार ने सभी पुराने मामलों की जांच कर चार्जशीट फाइल करने का निर्देश ब्यूरो को दिया है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा इसे लेकर लगातार ब्यूरो के कार्यों की मॉनिटरिंग कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक 2001 से 2014 के बीच एसीबी (तत्कालीन निगरानी विभाग) में 804 भ्रष्टाचार के मामले एसीबी में दर्ज हुए थे। इसमें प्रारंभिक और प्राथमिकी दोनों तरह के मामले शामिल हैं। इनसे अब तक 714 मामलों का निपटारा हो चुका है। अभी भी 88 मामले लंबित हैं। इनमें चर्चित 34वां राष्ट्रीय खेल घोटाला, रिनपास घोटाला, हज हाउस घोटाला, कृषि उपकरण और बीज घोटाला, ट्रांसफार्मर घोटाला सहित अन्य मामले शामिल हैं। प्रदेश के इंजीनियरिंग, कृषि और भू-राजस्व विभाग से जुड़े कर्मियों की सबसे ज्यादा शिकायतें एसीबी में दर्ज हैं।
जांच में फंसे हैं कई आइएफएस
भारतीय वन सेवा के कई अधिकारी एबीसी जांच के घेरे में हैं। केंद्र के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पिछले वर्ष 31 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा था, पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। केंद्र ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। अभियोजन की स्वीकृति के बाद भी कई अधिकारी शीर्ष पदों पर बैठे हैं।