“एम्स के पूर्व निदेशक एवं ट्रामा सेंटर के संस्थापक प्रमुख एवं जाने माने सर्जन डॉ. एम. सी. मिश्रा ने आउटलुक हिंदी से बात करते हुए बुधवार को कहा कि सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता ने मौत के साथ जंग खुद जीती है।”
उन्होंने कहा कि कोमा से बाहर निकलना अगर एक चमत्कार है तो इसे सिर्फ वहां के डॉक्टरों की टीम का कारनामा नहीं कहा जा सकता है। चीता ने अपने नाम के अनुरूप कोमा से बाहर होने में भी गजब की फूर्ति दिखाई है। चीता आतंकवादियों से भी इसी फूर्ति से लड़ा होगा।
हाल ही में एम्स की सेवा से रिटायर हुए डॉ. एम. सी. मिश्रा ने कहा कि चीता के होश में आने से मैं भी हैरान हूं।
ट्रामा सेंटर के अपने लंबे कार्यकाय में ऐसी आतंरिक शक्ति वाले मरीज बिरले ही मिले। वह आतंकवादियों के साथ भिड़ंत में बुरी तरह घायल हआ। कई सप्ताह तक कोमा में रहा और अब होश में आकर लोगों से बात करने लगा है, यह मामूली घटना नहीं है।
मैं अब कह सकता हूं कि चीता ने मौत से जंग जीत ली है। मुझे पूरा यकीन है कि वह ठीक होकर पहले जैसा फुर्तीला बन जाएगा। इसमें कठिनाइयों से तत्काल उबरने की उस शख्स की आंतरिक ताकत का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा- मैं ट्रामा सेटंर में बनाई अपनी टीम के काम से भी बेहद प्रभावित हूं। एम्स ट्रामा सेंटर में पहले भी कई चमत्कार हुए हैं।
गौर हो कि चेतन चीता जम्मू कश्मीर के बांदीपोर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान गंभीर रुप से घायल हो गए थे। उन्हें आतंकियों ने नौ गोलियां मारी थीं। बुधवार को एम्स के ट्रामा सेंटर से उन्हें छुट़टी दे दी गई। इस दौरान उनकी पत्नी और परिवार के अन्य लोग साथ थे।