वित्त वर्ष 2016-17 में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष (डायरेक्ट और इनडेयरेक्ट) टैक्स कलेक्शन लगभग 18 प्रतिशत बढ़कर 17.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष के टैक्स कलेक्शन के अंतिम आंकड़े मंगलवार को जारी किए। इसके अनुसार, कुल टैक्स कलेक्शन 17.10 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि संशोधित लक्ष्य 16.97 लाख करोड़ रुपये और बजट लक्ष्य 16.25 लाख करोड़ रुपये था।
राजस्व विभाग के आंकड़ों में बताया गया है कि मार्च 2017 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 8.47 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में 14.2 प्रतिशत अधिक है। अप्रत्यक्ष कर संग्रह भी 22 प्रतिशत बढ़कर 8.63 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मामले में वित्त वर्ष के दौरान शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया। इसमें कॉर्पोरेट इनकम टैक्स कलेक्शन 13.1 प्रतिशत और व्यक्तिगत इनकम टैक्स कलेक्शन 18.4 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि रिफंड के आंकड़ों को शामिल करते हुए कॉर्पोरेट इनकम टैक्स कलेक्शन 6.7 प्रतिशत और व्यक्तिगत इनकम टैक्स 21 प्रतिशत बढ़ा है।
वित्त वर्ष के दौरान आयकर विभाग ने 1.62 लाख करोड़ रुपये का कुल रिफंड दिया जो वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में 32.6 प्रतिशत अधिक है। अप्रत्यक्ष करों-केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क-का संग्रह 22 प्रतिशत बढ़कर 8.63 लाख करोड़ रुपये पर रहा। संशोधित अनुमान की तुलना में यह 1.35 प्रतिशत अधिक रहा। केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह 2.86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.83 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस प्रकार इसमें 33.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
सर्विस टैक्स कलेक्शन 2.11 लाख करोड़ रुपये से 20.2 प्रतिशत बढ़कर 2.54 करोड़ रुपये पर और सीमा शुल्क संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये से 7.4 प्रतिशत बढ़कर 2.26 लाख करोड़ रुपये पर रहा।