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    Home»Top Story»रूस के बम के मुकाबले कम ताकतवर है अमेरिका का MOAB
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    रूस के बम के मुकाबले कम ताकतवर है अमेरिका का MOAB

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीApril 14, 2017No Comments3 Mins Read
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    अमेरिका ने अफगानिस्तान के नांगरहार में जो विनाशक बम गिराया है कि उसे दुनिया का सबसे ज्यादा खतरनाक गैर परमाणु बम यानी मदर ऑफ ऑल बॉम्स बताया जा रहा है लेकिन हकीकत यह है इससे ज्यादा ताकत वाले ऐसे कई बम हैं जिनके सामने MOAB यानी GBU-43/B आधा भी नहीं है।

    रूस के पास एक ऐसा गैर परमाणु बम है जो अमेरिका के MOAB से चार गुना ज्यादा पॉवरफुल है। जानें कौन से हैं दुनिया के ये सबसे ज्यादा पॉवरफुल बॉम्स और कितनी है इनकी विनाशक शक्ति-

    MOAB यानी GBU-43/B की शक्ति

    • रिपोर्ट के अनुसार, MOAB जिस एरिया में गिरता है वहीं 150 मीटर रेडियस में कोई भी बिल्डिंग नहीं बचती।
    • इस बम के फटने से इतनी ज्यादा आवाज होती है कि तीन किलोमीटर के दायरे के लोग बहरे हो जाते हैं।
    • जिस स्थान पर MOAB ब्लास्ट होता है वहां इतनी ज्यादा गर्मी होती है कि आस पास का पानी सूख जाता है।
    • इतना ही नहीं 150 मीटर रेडियस में कुछ देर के लिए ऑक्सीजन खत्म हो जाती है जिससे यहां किसी भी बच पाना मुश्किल हो जाता है।.
    • इसका वजन करीब 9,797 किग्रा (21600 पौंड) है।
    • यह 30 फीट लंबा और 40 इंच चौड़ा होता है।
    • इसे गिराए जाने पर हर दिशा में लगभग 150 मीटर के दायरे में आने वाली हर चीज तबाह हो जाती है।
    • एक बम की लागत लगभग 103 करोड़ रुपये है।

    GBU-57A/B

    अमेरिकी एयरफोर्स ने ही GBU-43/B के बाद इससे ज्यादा ताकतवर बम GBU-57A/B विकसित किया। यह बम वजन और आकार में तो GBU-43/B छोटा है लेकिन इसकी विनाशक शक्ति मदर ऑफ ऑल बम्स से कहीं ज्यादा है।

    रूस का ATBIP यानी फादर ऑफ ऑल बॉम्स

    • अमेरिका इन विनाशक बॉम्स को देखते हुए अमेरिका के दुश्मन रूस ने इससे भी भयानक बम तैयार किए। बताया जा रहा है कि रूस के ATBIP की विनाशक शक्ति अमेरिका के MOAB यानी GBU-43/B से चार गुना ज्यादा होती है।
    • यह 300 मीटर से ज्यादा के रेडियस वाले इलाके का नाश कर देता है। यहां न कोई घास बचती है और न ही कोई बिल्डिंग।
    • इसकी ताकत 88000 इल्बोस टीएनटी है।
    • एफओएबी एक तरह से फ्यूल-एयर बम है। तकनीकी रूप से इसे थर्मोबारिक हथियार के रूप में जाना जाता है।
    • थर्मोबारिक बम दो चरणों में फटते हैं पहले छोटे धमाके में विस्फोटक सामग्री का गुबार पैदा होता है। इसके बाद इससे लपटें निकलती हैं।
    • इससे होने वाली तबाही लगभग परमाणु बम जैसी ही होती है।
    • बस इससे रेडिएशन का खतरा नहीं होता।
    • इस बम का पहली बार परीक्षण 11 सितंबर, 2007 में किया गया था।

    परमाणु बम ही ले सकता है इनसे टक्कर

    गैर परमाणु क्षमता वाले ये बम इतने शक्तिशाली हैं कि इनकी ताकत परमाणु बम के करीब पहुंच जाती है।

    रूस के फादर ऑफ ऑल बॉम्स के बाद अमेरिका के परमाणु बम बी-61 थर्मान्युक्लीयर और हिरोशिमा में गिराया गया परमाणु बम लिटिल ब्वॉय ही हैं जो गैर परमाणु बम से ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा विनाशक हैं।

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