“गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने राज्य में हुए एनकाउंटर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख वंजारा ने कहा कि गुजरात में कोई भी एनकाउंटर फर्जी नहीं था। हर आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए लोग वो थे जो राजनेताओं को मारने और राज्य की शांति और समृद्धि को नष्ट करने के लिए आए थे।”

वंजारा ने एनकाउंटर से जुड़ी यह बातें जमालपुर में एक रोड शो के दौरान कही। मीडिया के मुताबिक वंजारा ने कहा कि अगर गुजरात पुलिस ने एनकाउंटर में आतंकियों को नहीं मारा होता तो देश को आज पीएम मोदी जैसा मजबूत प्रधानमंत्री नहीं मिलता। गुजरात कश्मीर बन चुका होता।

डीजी वंजारा को 2007 में गुजरात सीआईडी ने गिरफ्तार किया था और उसके बाद वे जेल गए। वंजारा पर कई लोगों की हत्या का आरोप है। जिनमें सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी, तुलसीराम प्रजापति, सादिक जमाल, इशरत और उसके साथ मारे गए तीन अन्य लोग शामिल हैं।

इनके एनकाउंटर के बाद क्राइम ब्रांच ने सफाई दी थी कि ये सभी पाकिस्तानी आतंकी थे और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते थे। बाद में सीबीआई जांच में ये साबित हुआ कि सभी एनकाउंटर फर्जी थे। सितंबर 2014 में मुंबई की एक अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन, तुलसीराम प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ मामले में जमानत दे दी थी।

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