“केंद्रीय राजस्व हंसमुख अधिया ने कहा कि देश की लगभग 8-9 लाख पंजीकृत कंपनियां सालाना रिटर्न नहीं भरती, जिसके कारण ये कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि पीएमओ ने जो टास्क फोर्स बनाया है वह हर 15 दिन में इन कंपनियों की निगरानी कर रहा है।”

केंद्र सरकार के मुताबिक, देश में लगभग नौ लाख पंजीकृत कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में दाखिल नहीं करती हैं। इन कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंंग का खतरा है।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने शनिवार को प्रवर्तन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने लगभग तीन लाख गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को नोटिस जारी कर उन्हें कहा है कि वे अपना पंजीकरण रद्द करवाएं। बाकी कंपनियों को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 15 लाख कंपनियों में से केवल छह लाख ही अपना रिटर्न, सालाना अंकेक्षित रपट सहित

कॉरपोरेट

कार्य मंत्राालय में दाखिल करवाती हैं। जबकि

लगभग 8-9 लाख कंपनियां कोई रिटर्न दाखिल नहीं करती हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंंग का संभावित स्रोत बन गई हैं।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी में घरेलू मुखौटा कंपनियाेें पर एक बड़ी कार्रवाई के दौरान धन शोधन अथवा कर चोरी करने वाली एेसी कंपनियों के बैंक खाते जब्त करने समेत कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्णय किया था।

अधिया के मुताबिक, मंत्रालय में रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली सभी नौ लाख कंपनियां शायद मुखौटा कंपनियां नहीं हो और हो सकता है कि कारोबार नहीं होने के कारण निष्क्रिय पड़ी हैं।

आयकर विभाग के रिकार्ड के अनुसार भारत में पंजीकृत 15 लाख कंपनियों में से जो छह लाख रिटर्न फाइल करती हैं, उनमें से लगभग तीन लाख ने शून्य आय दिखाई है।

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