यूपी सरकार ने गरीब मुस्लिम लड़कियों के सामूहिक विवाह (इज्तिमाई निकाह) का फैसला किया है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हर जिले में इज्तिमाई निकाह का आयोजन करेंगी। राज्य के माइनोरिटी अफेयर्स मिनिस्टर मोहसिन रजा के साथ समीक्षा बैठक में योगी आदित्यनाथ ने इसकी मंजूरी दे दी। सरकार का कहना है इस तरह के सामूहिक विवाह से अनुदान राशि (ग्रांट) का सही इस्तेमाल हो सकेगा।
मोहसिन रजा ने मीडिया को बताया, “पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लखनऊ आए। उन्होंने सीएम के साथ मीटिंग की। योगी ने नकवी जी से पूछा कि गरीब मुस्लिम लड़कियों की सामूहिक शादियां कराने का विचार कैसा? इसके बाद तय हुआ कि अल्पसंख्यक कल्याण के लिए हर जिले में सद्भावना मंडप बनाया जाएगा।” सद्भावना मंडप में गरीब मुस्लिम लड़कियों का इस्लामिक रीति रिवाज से सामूहिक विवाह होगा। एक साथ शादियां होंगी तो अनुदान का पैसा बचेगा। इस पैसे से लड़कियों को किचन का सामान, बेड और अलमारी दिए जाएंगे।””सद्भभावना मंडप की मदद से अशिक्षित लड़कियों को कौशल विकास और हैंडीक्राफ्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी। जो बच्चियां पढ़ना चाहती हैं, उसका भी इंतजाम किया जाएगा। शादी में खर्च पैसों को ही मेहर समझा जाएगा।” “सरकार शुआत में हर जिले में सामूहिक समारोह में 100 शादियां कराने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

अगर ये कामयाब रहता है तो हर 6 महीने में ऐसे आयोजन होंगे। दूसरी योजना के तहत, सरकार ने बीपीएल परिवारों में दो बेटियों की शादी के लिए 20,000 रुपए दिए जाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी है।”

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