“पहली मई से देश में रियल एस्टेट कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद तीन माह के भीतर सभी रियल एस्टेट कारोबारियों को रिय एस्टेट रेगुलेटर्स के पास अपना पंजीकरण कराना होगा। अन्यथा कानूनी कारवाई के लिए तैयार रहें।”

केंद्र शासित प्रदेश समेत 15 राज्यों में रियल एस्टेट एक्ट के रूल्स नोटिफाई कर दिए हैं जबकि 16 राज्यों ने रूल्स का मसौदा तैयार कर लिया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने एक प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी देते हुए उम्‍मीद जताई कि सभी राज्य 30 अप्रैल तक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन कर लेंगे।

उन्‍होंने बताया कि रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट के बाकी बचे 32 सेक्शन भी नोटिफाई कर दिए गए हैं। जिसमें साफ है कि ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स उन्हें माना जाएगा जिनको कंप्लीशन सर्टिफिकेट न मिला हो। साथ ही पहली मई के बाद से एक्ट की पालन न करने पर पेनल्टी लगना शुरू हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि लोगों को सस्ते घर उपलब्ध कराने के लिए पिछले 10 साल में जितना काम नहीं हुआ है उससे ज्यादा पिछले तीन साल में हुआ है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले तीन साल के दौरान 2008 शहरों में 17 लाख 73 हजार 533 अफोर्डेबल हाउस को मंजूर किया गया है जबकि इससे दस साल पहले तक केवल 1061 शहरों में 13 लाख 82 हजार 768 घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई थी। उन्होंने कहा कि नेशनल अर्बन रेंटल पॉलिसी का मसौदा भी फाइनल कर लिया गया है जिसे जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। इसका मकसद है कि मकान मालिकों को अपना घर रेंट पर देने में कोई दिक्कत न हो।

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