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नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 18 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 91 लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होगा। भाजपा ने 2014 में इन 91 में से 35% यानी 32 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस ने 8% यानी 7 सीटें ही जीती थीं। पहले चरण में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सभी 55 सीटों पर मतदान होना है। वहीं, 10 अन्य राज्यों की 36 सीटों पर वोट डाल जायेंगे।
पहले चरण में यहां मतदान होगा
भाजपा-कांग्रेस के असर वाले राज्य : उत्तरप्रदेश (8), महाराष्ट्र (7), छत्तीसगढ़ (1), बिहार (4), असम (5), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), जम्मू-कश्मीर (2)।
अन्य दलों के असर वाले राज्य : आंध्रप्रदेश (25), तेलंगाना (17), मेघालय (2), सिक्किम (1), मिजोरम (1), नागालैंड (1), लक्षद्वीप (1), अंडमान-निकोबार (1), ओडिशा (4), पश्चिम बंगाल (2), मणिपुर (1), त्रिपुरा (1)।
पहले चरण में 44 टिकट उद्योगपतियों-कारोबारियों को
पहले चरण की 91 सीटों पर 182 प्रमुख उम्मीदवार हैं। इनमें सबसे ज्यादा 44 प्रत्याशी उद्योगपति-कारोबारी हैं। इसकी बड़ी वजह है आंध्र की 25 सीटों पर वोटिंग। अकेले आंध्र में तेदेपा ने 11 और वाईएसआरसी ने 10 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिये हैं जो बड़े उद्योगपति या कारोबारी हैं। 182 प्रमुख उम्मीदवारों में 38 टिकट नेताओं के परिवार में बंटे हैं। इनमें भाजपा ने 5 और कांग्रेस ने 4 टिकट परिवारवाद के आधार पर दिये हैं।
सबसे दिलचस्प मुकाबला तेलंगाना की चेवेल्ला सीट पर
पहले चरण में सबसे अमीर और सबसे गरीब प्रत्याशी तेलंगाना की चेवेल्ला सीट पर ही चुनाव लड़ रहा है। अपने हलफनामे में कांग्रेस के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने अपनी संपत्ति 895 करोड़ रुपये बतायी है। इसी सीट पर प्रेम जनता पार्टी के नल्ला प्रेम कुमार भी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 500 रुपये घोषित की है।
इन 91 सीटों पर पिछले दो चुनावों की स्थिति
2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन 91 में से 7 और कांग्रेस ने 55 सीटें जीती थीं। 2014 में यह तस्वीर बदल गई। कांग्रेस 7 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा को 25 सीटों का फायदा हुआ और वह 32 के आंकड़े तक पहुंच गई। पहले चरण की इन 91 सीटों पर पिछली बार कांग्रेस से ज्यादा सफल तेदेपा (16) और टीआरएस (11) रही थी।