झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने राज्य के सभी स्कूलों को लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस और बस फीस नहीं लेने का निर्देश दिया है। काउंसिल ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और सभी सीबीएसई तथा आईसीएसई के प्राचार्यों को पत्र लिखकर कहा है कि दूसरे कई राज्यों ने इस कठिन समय में स्कूलों की फीस व बस फीस माफ कर दी है। इस दिशा में शिक्षा मंत्री ने भी मंत्रणा की है और उन्होंने भी उम्मीद जतायी है कि सभी तरह के स्कूल प्रबंधक इस दिशा में उनका साथ देंगे।  काउंसिल के सचिव महीप कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में गरीब परिवार के बच्चे भी पढ़ते हैं जो स्वंय कोई छोटा कार्य कर अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। इस तालाबंदी में उनकी पढ़ाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना है। उन्होंने सभी को इससे मिलकर लड़ने की उम्मीद जतायी और कहा कि झारखंड की शैक्षिक भविष्य के लिए कुछ ना कुछ देने की आवश्यकता है। इस कठिन परिस्थिति में कई राज्य कठिन निर्णय जब ले सकते हैं तो झारखंड को भी इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जतायी कि शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल राज्य के निर्णय के साथ चलेंगे और विद्यार्थियों को सुखद माहौल देंगे।

मंत्री जगरनाथ महतो ने पिछले दिनों ट्वीट करते हुए स्कूलों से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन की अवधि का फीस नहीं ली जाए। बता दें केि 14 अप्रैलतक लॉकडाउन के कारण सभी तरह के स्कूल बंद हैं।

इस कठिन परिस्थिति में कई राज्यों द्वारा अपनी जनता को रियायत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। उनके द्वारा विद्यालयों से यह अनुरोध किया गया हैकि उनके यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से इस कठिन परिस्थिति में मासिक फीस की मांग नहीं की जाए

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