रांची स्थित अस्पतालों से लगातार मिल रही अव्यवस्था की शिकायात पर मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सदर अस्पताल पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने वहां का निरीक्षण किया। बन्ना गुप्ता पीपीई किट पहनकर कोविड वार्ड पहुंचे और वहां का जायजा लिया। इस दौरान वहां भर्ती मरीजों से उन्होंने बातचीत भी की।
मंत्री के निरीक्षण के बाद अस्पताल प्रबंधन से कहा कि यहां की जो भी खामियां हैं, उसे तत्काल दूर करें। यहां भर्ती मरीजों को हर हाल में बेहतर सुविधाएं मिले, इसका ख्याल रखा जाये। उन्होंने मरीजों से कहा कि उनकी जो भी परेशानियां हैं, उनका निदान किया जायेगा। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ज्यादातर ऐसे लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिन्हें घर जाकर आराम करने की जरूरत है। वो ठीक हो चुके हैं।
बताया जाता है कि सदर अस्पताल में जब मंत्री निरीक्षण कर रहे थे। उसी दौरान हजारीबाग के एक मरीज का शव सदर अस्पताल के गेट के पास था। मंत्री को सामने देखकर परिजनों ने मंत्री को खरी खोटी सुनाया। परिजनों ने कहा कि क्या मंत्री उनके पिता को लौटा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सदर अस्पताल के कोविड वार्ड में 250 से अधिक मरीज एडमिट हैं। वहां ड्यूटी पर 36 स्टाफ हैं, वो भी शिफ्ट के हिसाब से आते हैं। इस वजह से सभी मरीजों को डॉक्टर नियमित समय नहीं दे पा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि वह कई दिनों से भर्ती हैं। इस दौरान सिर्फ एक डॉक्टर खुद आकर चेक किये हैं। बाकी समय स्वास्थ्य कर्मियों से पूछ-पूछ कर दवा खा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के पहले चरण में ही सदर अस्पताल में 60 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन अब तक यहां एक भी एनेस्थेटिस्ट की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी। इस कारण मरीजों को वेंटिलेटर का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बताया जाता है कि सिविल सर्जन ने पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग से कुछ डॉक्टरों की मांग की थी। इसके बाद फॉमोर्कोलॉजी और मेडिसिन के चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति तो सदर अस्पताल में कर दी गयी, लेकिन इनमें कोई वेंटिलेटर चलाने योग्य नहीं है।