कोरोना संक्रमण की लगातार तेज हो रही रफ्तार ने जॉब सेक्टर पर भी प्रतिकूल असर डालना शुरू कर दिया है। सिर्फ दो सप्ताह में ही देश में बेरोजगारी दर में 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। ये जानकारी एक निजी रिसर्च फर्म सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अपने ताजा आंकड़ों के जरिये दी है।
देश में कोरोना का संकट बढ़ने के साथ ही कई राज्यों में लॉकडाउन, वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियां शुरू हो गई हैं। इसके बावजूद कोरोना का संक्रमण तेज रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से एक बार फिर पिछले साल की तरह ही पूर्ण लॉकडाउन की आशंका जताई जाने लगी है। इसकी वजह से महानगरों और औद्योगिक नगरों से प्रवासी मजूदरों का पलायन अचानक काफी तेज हो गया है।
माना जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों के इस पलायन की वजह से बेरोजगारी दर में अचानक 1.9 फीसदी की उछाल आ गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के ताजा आंकड़ों के अनुसार 11 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में भारत में बेरोजगारी की दर 8.6 फीसदी पर पहुंच गई। जबकि दो सप्ताह पहले बेरोजगारी दर 6.7 फीसदी के स्तर पर थी।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण का प्रभाव अधिक है। इसकी वजह से एक बार फिर प्रवासी मजदूर भविष्य की परेशानियों के डर से काम-धंधा छोड़कर अपने गांवों के लिए जाने लगे हैं। प्रवासी मजदूरों के पलायन के कारण असंगठित क्षेत्र के काम धंधों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। इसके कारण जॉब मार्केट तो प्रभावित हो ही रहा है, अर्थव्यस्था पर भी दूरगामी असर पड़ने की आशंका बन गई है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संकट के अधिक लंबे समय तक चलने से प्रवासी मजदूरों का पलायन और तेज हो सकता है। ये पलायन आखिरकार बेरोजगारी दर पर ही असर डालेगा।
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