– रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा
– खुली निविदा के माध्यम से प्रतिस्पर्धी बोली के नियम का पालन किया जाना चाहिए
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में ‘रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र’ विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश, और केन्या के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। उन्होंने मजबूत वित्त प्रणाली को सेना की रीढ़ बताते हुए कहा कि रक्षा व्यय में भ्रष्टाचार और बर्बादी को बहुत कम कर दिया गया है।
सम्मेलन के जरिए नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों को रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र पर अपने विचार और अनुभव साझा करने का अवसर मिलेगा। साथ ही रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। राजनाथ सिंह का विचार था कि रक्षा व्यय में धन के पूर्ण मूल्य की आर्थिक अवधारणा को लागू करना मुश्किल है, क्योंकि इस क्षेत्र में राजस्व का कोई दृश्य स्रोत नहीं है और आसानी से पहचाने जाने योग्य लाभार्थी नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षा खरीद में खुली निविदा के माध्यम से प्रतिस्पर्धी बोली के नियम का पालन किया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह की रूपरेखा में व्यय नियंत्रण, पेशेवरों की वित्तीय सलाह, ऑडिट, भुगतान प्रमाणीकरण तंत्र आदि शामिल हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि रक्षा खर्च आवंटित बजट के भीतर है और धन का पूरा मूल्य प्राप्त हो गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों को रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता होती है, जिसमें अनुसंधान एवं विकास संगठन, उद्योग, सैनिक कल्याण संगठन आदि शामिल होते हैं। वित्तीय संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए अच्छी वित्त पोषित प्रणाली की भी आवश्यकता होती है।