रांची। राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्ण के शैक्षणिक सलाहकार प्रो. ई बालागुरूसामी ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय का इतिहास काफी पुराना है। ऐसे में हमें यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हम नन-स्किल्ड डिग्रीधारी युवाओं को तैयार करने से बचें। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम सिर्फ डिग्री न बांटें, बल्कि विश्वविद्यालय से युवाओं को दक्ष और बोल्ड बना कर निकालें। इसके लिए शिक्षकों को समर्पित होकर नयी तकनीक से छात्रों को पढ़ाना चाहिए। वह मंगलवार को रांची विवि पहुंचे। यहां उन्होंने सेंट्रल लाइब्रेरी सभागार में शिक्षकों को संबोधित किया। मौके पर कुलपति आरयू प्रो. डॉ अजीत कुमार सिन्हा, प्रोवीसी डॉ अरुण कुमार सिन्हा और सभी विभागों के हेड, डीन और प्राध्यापक मौजूद थे।
जरूरत पड़ी तो सिलेबस भी बदलेंगे
रांची विश्वविद्यालय 1960 से स्थापित है। यहां जितने विषयों की पढ़ाई हो रही है, उसे देख कर मुझे प्रसन्नता है। अब हमें रांची विश्वविद्यालय को एक मॉडल विश्वविद्यालय बनाना है। यह आप सभी के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अच्छे शिक्षक ही स्किल्ड युवाओं को तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में सबसे अच्छी बात है कि छात्र सिर्फ डिग्री प्राप्त नहीं करेंगे, बल्कि पढ़ाई के साथ ही स्किल्ड भी होंगे। इसके लिए हमें पारंपरिक सिलेबस में बदलाव करना पड़े, तो हम करेंगे।
कोर्स और शिक्षकों से अवगत कराया
विश्वविद्यालय मुख्यालय में चर्चा के दौरान कुलपति आरयू प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने शैक्षणिक सलाहकार प्रो. ई बालागुरूसामी को रांची विश्वविद्यालय में चल रहे रेगुलर विषयों के साथ ही विभिन्न वोकेशनल कोर्सों के बारे में जानकारी दी। साथ ही कई विषयों में शिक्षकों की कमी से भी अवगत कराया। प्रो. ई बालागुरूसामी ने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जल्दी ही काम करने की बात कही। इस दौरान डॉ बालागुरूसामी ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी नाम से लिखी अपनी पुस्तक कुलपति प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा को भेंट की।
मुख्यालय कैंपस पहुंचे शैक्षणिक सलाहकार
कुलाधिपति के शैक्षणिक सलाहकार प्रो. ई गुरूसामी रांची विश्वविद्यालय विजिट के दौरान सबसे पहले शहीद चौक स्थित रांची विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचे। यहां उनका छात्राओं ने झारखंडी परंपरागत नृत्य और गायन के साथ स्वागत किया। लोटा पानी से हाथ धुलाया गया। उसके बाद कुलपति ने उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया। कुलपति ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रो. ई बालागुरूसामी झारखंड में हमारे शैक्षणिक सलाहकार हैं। इन्होंने कई किताबें लिखने के अलावा आंध्रप्रदेश में आइटी सलाहकार, हरियाणा और पंजाब सरकार में सलाहकार तथा कई राज्यों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
इन विभागों का किया भ्रमण
प्रो. ई बालागुरूसामी ने कुलपति तथा आरयू के सभी पदाधिकारियों के साथ मोराबादी कैंपस स्थित आरयू के आइक्यूएसी, जूलॉजी, बॉटनी, बायोटेक, केमिस्ट्री, मास कम्युनिकेशन, लीगल स्टडीज विभागों में जाकर कक्षाओं, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, आॅडिटोरियम सहित अन्य सुविधाओं को देखा। साथ ही शिक्षकों, निदेशक और हेड से बात कर जानकारियां लीं। विभागों को देखने के बाद उन्होंने संतोष व्यक्त किया और कहा कि रांची विश्वविद्यालय को हम एक उत्कृष्ट विश्वविद्यालय बनाने का कार्य करेंगे।
इनकी रही उपस्थिति
इस कार्यक्रम का संचालन डिप्टी डायरेक्टर सीवीएस डॉ स्मृति सिंह ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव आरयू डॉ मुकुंद चंद्र मेहता ने किया। इस अवसर पर कुलपति, प्रतिकुलपति आरयू के अलावा आरयू एफए डॉ देवाशीष गोस्वामी, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ प्रीतम कुमार, सीसीडीसी डॉ पीके झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष कुमार झा, एफओ डॉ. कुमार आदित्यनाथ शाहदेव, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश साहू, डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ हरि उरांव सहित कई विभागों के हेड, डीन और प्राध्यापक उपस्थित थे।