रांची। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो ने शुक्रवार को दिवंगत शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो को नम आंखों से श्रंद्धाजलि दी। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र में टाइगर के नाम से प्रसिद्ध जगरनाथ दा सचमुच अंतिम समय मे टाइगर की तरह जीये। भगवान उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे। जगरनाथ दा जनप्रिय नेता थे। उनका इस तरह से चले जाना काफी पीड़ादायक है।
उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य के आंदोलन के समय से ही जगरनाथ महतो के साथ उनके बहुत आत्मीय संबंध थे। राज्य के विकास को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। विपक्ष में रहते हुए उन्होंने ऐसे मामले सदन में उठाए थे जो सीधे तौर पर झारखंड के जनमानस से जुड़ा हुआ था। पारा शिक्षकों को कैसे सम्मान मिले इसको लेकर उन्होंने आंदोलन किया था। जब सरकार में आये और उन्हें राज्य के शिक्षा मंत्री का दायित्व मिला तो उन्होंने सबसे पहले पारा शिक्षकों के समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। झारखंड के युवाओं को कैसे रोजगार मिले, इसपर भी उनकी गहरी चिंता थी।
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि जगरनाथ दा का जीवन दलितों शोषितों पीड़ितों के उत्थान को समर्पित था। वे एक ऐसे जनप्रिय नेता थे जिनके पास दलगत भावना से ऊपर उठकर लोग अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते थे। उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि वे कभी यह नहीं देखते थे कि उनके समक्ष आया व्यक्ति किस दल या विचारधारा का है। सबकी सुनते थे और उसका तत्काल निदान करते थे।