– पूर्व वार्ड पार्षद ने किया खुलासा
– पूर्व वार्ड पार्षद ने शांति समिति की बैठक में भी उठाया था मामला

पटना /नालंदा। रामनवमी के दिन बिहारशरीफ में हुई हिंसा के बाद अब स्थिति सामान्य होने लगी है। जिलाधिकारी के साथ हुई एक बैठक में पूर्व वार्ड पार्षद सह पार्षद प्रतिनिधि जमील अख्तर ने बताया कि हिंसा से दो दिन पूर्व ही लहेरी थाना क्षेत्र के गगनदीवान मोहल्ले में लगे सीसीटीबी को उपद्रवियों ने गायब कर दिया था। इस खुलासे के बाद जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को जगह-जगह लगे सीसीटीवी की हिफाजत एवं निगरानी के निर्देश दिए हैं। साथ ही हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई भी लगातार जारी है।

जिलाधिकारी ने शांति समिति के सदस्यों के अनुरोध पर आदेश दिया है कि सोमवार से दुकानें और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक खुलेंगे। स्कूल कॉलेज में पढ़ाई शाम चार बजे तक होगी तथा कोचिंग और ट्यूशन संस्थान अभी बंद रहेंगे।

जिलाधिकारी के साथ हुई बैठक में जमाल अख्तर ने बताया निगम के अधिकारियों को इसकी शिकायत की थी कि लहेरी थाना क्षेत्र के संवदेनशील इलाका गगनदीवान मोहल्ले में लगे स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरा गायब है। बतायाकि इस मामले को शांति समिति की बैठक में भी उठाया गया था। किसी भी अधिकारी ने इस विषय पर जवाब नहीं दिया। न ही इसकी जांच कराना मुनासिब समझा। कैमरा किसने गायब किया, इसका खुलासा नहीं हो सका है। चर्चा है कि सुनियोजित साजिश के तहत उपद्रवियों ने कैमरा गायब किया है।

उक्त बातों का समर्थन 23 पार्षद प्रतिनिधि दिलीप कुमार ने भी किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी कैमरा गायब होने का मामला बैठक में उठाया था। अंदेशा है कि किसी ने सुनियोजित योजना के तहत कैमरा गायब किया। इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए। फूटेज के आधार पर पुलिस उपद्रव के आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है। रविवार तक गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 140 हो गई।

उल्लेखनीय है कि रामनवमी के शोभायात्रा के दौरान बिहार के पांच जिलों में हिंसा हुई थी। सबसे ज्यादा उपद्रव रोहतास जिले के सासाराम और नालंदा जिले के बिहारशरीफ में हुई थी। नालंदा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी थी। इसके बाद से इन दोनों जिलों में करफ्यू लगा दिया गया था और लगातार सात दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बाधित रही।

बिहारशरीफ में मास्टरमाइंट की हो रही खोज
स्टेट साइबर सेल की टीम बिहारशरीफ पहुंचकर उपद्रव के मास्टरमाइंड की टोह लेने में जुट गई है। सूत्रों की मानें तो मोबाइल सीडी और कॉल डिटेल की जांच से मास्टरमाइंड तक पहुंचने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। सोशल मीडिया के डिलिट मैसेज को भी टीम पढ़ रही है। चर्चा है कि सफेदपोश के साथ कई ओहदेदार की भी गर्दन इस मामले में फंस सकती है।

आर्थिक अपराध इकाई की मानें तो दोनों शहरो में उपद्रव कोई घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है। बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाया गया है। इस मामले में 15 नामजद लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज किया है। इनमें से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके पास से मोबाइल बरामद किया गया, जिससे संदेश भेजे जाते थे। इन सब से पूछताछ जारी है।

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