रांची। सीबीआइ कोर्ट ने पांच हजार रिश्वत लेने वाले क्लर्क को दोषी करार देते हुए तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस के बाद रेलीगढ़ा परियोजना कार्यालय रामगढ़ के यूडीसी क्लर्क रामराज नोनिया को दोषी पाकर तीन साल की सजा के साथ 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में 6 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गयी थी। दरअसल, सीबीआइ की टीम ने 5 मार्च 2020 को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रामराज नोनिया को गिरफ्तार किया था। उन्होंने सीसीएल कर्मी सिंगराई मुंडा से प्रशिक्षण अवधि और इनक्रीमेंट के एरियर का भुगतान करने के लिए रिश्वत मांगी थी। आरोपों को साबित करने के लिए सीबीआइ ने कोर्ट में 8 गवाहों को प्रस्तुत किया।
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