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    Home»Jharkhand Top News»हर चुनाव में राजनीतिक जागरुकता का परिचय देते हैं खूंटी के मतदाता
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    हर चुनाव में राजनीतिक जागरुकता का परिचय देते हैं खूंटी के मतदाता

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHApril 13, 2024No Comments3 Mins Read
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    -लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बदल जाते हैं चुनाव परिणाम

    खूंटी । खूंटी, रांची, सरायकेला, गुमला और सिमडेगा पांच जिलों में फैला जनजातीय बहुल खूंटी संसदीय क्षेत्र को भले ही पिछडा़ क्षेत्र माना जाता हो, पर राजनीतिक रूप से यहां के लोग काफी जागरूक हैं। यही कारण है कि हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यहां के राजनीतिक समीकरण बदलते रहते हैं और इसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ता है।

    लोकसभा चुनाव 2019 का ही उदाहरण लें, तो जिस विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था, वही छह महीने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को वहां मुंह की खानी पड़ी। इसके विपरीत जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस की तुलना में कम वोट मिले थे, वहीं उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अच्छे-खासे वोट से जीत गये।

    लोकसभा चुनाव में तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा को कुल 86352 तथा कांग्रेस को 44870 वोट मिले थे। वहीं उसी वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में तमाड़ सीट पर झामुमो के उम्मीदवार विकास सिंह मुंडा को जीत मिली। भाजपा प्रत्याशी रीता देवी महज 18082 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रही थी। उस चुनाव में विकास मुंडा को 55491 वोट मिले थे, जबकि आजसू पार्टी को 24520 वोट मिले थे। पूर्व मंत्री राजा पीटर 16517 वोट लाकर चौथे स्थान पर थे। इसी प्रकार पिछले लोकसभा चुनाव में खरसावां क्षेत्र में अर्जुन मुंडा को कुल 88852 तथा कांग्रेस को 55971 वोट मिले थे।

    इन दोनों विधानसभा सीट में भाजपा की कुल बढ़त 74362 वोट की रही और यही दोनों विधानसभा क्षेत्र में मिले मत भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार का कारण बने। इसके विपरीत छह माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो के चंपाई सोरेन जो वर्तमान मुख्यमंत्री हैं, ने विजय का सेहरा अपने माथे बांध लिया था। विधानसभा चुनाव में चंपाई सोरेन को 111195 वोट मिले थे, वही भाजपा प्रत्याशी गणेश महली को 95482 मत मिले थे। आजसू के अनंत राम टुडू को 9931 वोट मिले थे।

    इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में तोरपा विधान सभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को 21158 वोट की बढ़त मिली, कांग्रेस को यहां 65122 तथा भाजपा को 43964 वोट मिले, लेकिन नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के कोचे मुंडा ने बाजी मार ली। कोचे मुंडा को 43482 वोट मिले थे, जबकि उनके निटतम प्रतिद्वंद्वी झामुमो और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार सुदीप गुड़िया को 33852 वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव 2019 में खूंटी विधान सभा क्षेत्र में भाजपा को 51410 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को यहां 72812 वोट मिले, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने झामुमो के सुशील पाहन को 26327 वोटों से पराजित कर दिया।

    उस चुनाव में नीलकंठ सिंह मुंडा को 59198 वोट मिले थे, जबकि सुशील पाहन को 32871 मत मिले थे। लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा को सिमडेगा विधान सभा क्षेत्र में भाजपा को 66122 वोट तथा कांग्रेस को 71894 वोट मिले, यहां पर भाजपा 5772 वोट से पीछे रही, जबकि विधानसभा चुनाव में भाजपा के श्रद्धानंद बेसरा कांग्रेस के भूषण बाड़ा से महज 285 वोटों के अंतर से हार गये थे। भूषण बाड़ा को 60651 वोट मिले थे, जबकि श्रद्धानंद बेसरा को 60366 मत मिले थे। कोलेबिरा में कांग्रेस को प्रत्याशी को यहां पर 24932 वोट से बढ़त मिली थी। यहां भाजपा को 44866 तथा कांग्रेस को 69798 वोट मिले थे।

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