कोलकाता। पश्चिम बंगाल में वक्फ अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा के बीच राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने दंगा प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत पहुंचाने के लिए भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) को निर्देश दिया है। विशेष रूप से मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों सहित अन्य अशांत क्षेत्रों में यह राहत कार्य संचालित किया जाएगा।
राजभवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष एस. के. पटनायक और राजभवन की रैपिड एक्शन सेल के प्रमुख नोडल अधिकारी को इस राहत अभियान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इधर, रविवार रात से लेकर खबर लिखे जाने तक मुर्शिदाबाद जिले के अशांत इलाकों में किसी नई हिंसा की सूचना नहीं मिली है। जिले के सुत्ती, जंगीपुर, धूलियान और शमशेरगंज जैसे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की टीमों द्वारा लगातार फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, हिंसा के चलते बेघर हुए परिवारों को वापस उनके घरों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही, एक समिति का गठन कर दंगे के कारण हुए आर्थिक नुकसान का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से अब तक मुआवजे को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
प्रशासन ने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सोशल मीडिया पर झूठे वीडियो और अफवाहें फैलाने की कोशिशें अब भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। इसी कारण मुर्शिदाबाद के कुछ और इलाकों के साथ-साथ मालदा और बीरभूम जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं प्रतिबंधित कर दी गई हैं।
रविवार रात राज्यपाल ने एक संदेश में कहा कि राजभवन हालात पर लगातार नजर रखे हुए है और उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत भी की है। उन्होंने कहा, “स्थिति को देखते हुए पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ तैनात की जा चुकी है और जरूरत पड़ने पर और बल भेजे जाएंगे।”