रांची। बोकारो वन भूमि घोटाले की जांच में इडी की भी एंट्री हो गई है। बोकारो में हुए 100 एकड़ से ज्यादा के वन भूमि घोटाले मामले में इडी ने झारखंड की राजधानी रांची सहित कई अन्य शहरों के करीब एक दर्जन के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। रांची के लालपुर, बरियातू सहित बोकारो और रामगढ़ इलाके के कुछ जगहों पर रेड हुआ है।
एक दर्जन ठिकानों पर रेड
इडी के द्वारा रांची और बोकारो में आधा दर्जन भू-माफिया, कई बिल्डर, कई अंचलकर्मी के घर और कार्यालय में रेड चल रहा है। मंगलवार की सुबह करीब छह बजे से इडी की टीम ने रेड शुरू किया। अब तक की छापेमारी में क्या कुछ बरामद हुआ है, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है।
बता दें कि इससे पूर्व झारखंड सीआइडी ने बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू की थी। जमीन माफिया को लेकर बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षक रुद्र प्रताप सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच के बाद पता चला कि बोकारो में अधिकारी और भू-माफियाओं ने मिलकर 117 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेच दिए। जिससे अब इस मामले में इडी की भी एंट्री हो गई है।
बंगाल से बने फर्जी कागजात
बोकारो वन भूमि घोटाले में जिन वन भूमि को भू-माफिया और अधिकारियों के मिलीभगत से फर्जी कागजात के आधार पर बेचा गया है, उनके ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स बंगाल के पुरुलिया में मौजूद है। जिस जमीन को फर्जी कागजात के आधार पर बेचा गया है, वह 117 एकड़ से ज्यादा है और उसका फैलाव पश्चिम बंगाल तक है।
दरअसल, 117 एकड़ जमीन बोकारो इस्पात संयंत्र को वापस करना था, लेकिन उसे वापस नहीं किया गया। बाद में इस भूमि को भू-माफिया ने फर्जी कागजातों के आधार पर हस्तांतरित करवाते हुए पूरी जमीन ही गबन कर लिया। इस मामले में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, शैलेश कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, जैन सिंह, सचिन प्रसाद पांडे, सत्येंद्र सत्यार्थी माधव प्रसाद सिन्हा और आरबी सिंह को आरोपी बनाया गया है। सभी के खिलाफ पूर्व से सीआइडी जांच चल रही है, लेकिन अब इस घोटाले की जांच में इडी भी शामिल हो गई है।