काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने एक निर्णय का विरोध करने वाले ऊर्जा राज्य मंत्री पूर्ण बहादुर तमांग को पद से बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही हाल ही में शिक्षा मंत्री विद्या भट्टराई के इस्तीफे को मंजूर करते हुए उनके स्थान पर रघुजी पंत को शिक्षा मंत्री नियुक्त किया है। राष्ट्रपति भवन से तमांग को पदमुक्त किए जाने की जानकारी गुरुवार को दी गई है।
प्रधानमंत्री ओली ने बुधवार देर शाम ऊर्जा राज्य मंत्री पूर्ण बहादुर तमांग को पद से बर्खास्त करने की राष्ट्रपति से सिफारिश की थी। ऊर्जा राज्य मंत्री पूर्ण बहादुर तमांग प्रधानमंत्री की कार्यशैली का खुलकर विरोध करते आ रहे थे। कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में ऊर्जा राज्य मंत्री ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री ओली की कार्यशैली की आलोचना करते हुए उनके फैसलों का विरोध किया था। नेपाल विद्युत प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक कुलमान घीसिंग को पद से बर्खास्त करने के सरकार के फैसले का ऊर्जा राज्य मंत्री पूर्ण बहादुर तमांग ने विरोध किया था। उन्होंने न सिर्फ कैबिनेट बैठक में बल्कि पत्रकार सम्मेलन कर ही प्रधानमंत्री पर गलत कदम उठाने का आरोप लगाया।
तमांग की बर्खास्तगी ऐसे समय हुई है, जब नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सिंगापुर के भ्रमण पर है तथा उनकी पत्नी और नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा बैंकाक के दौरे पर हैं। ओली के इस फैसले का कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया है।
अपनी बर्खास्तगी की खबर के बाद तमांग ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली भ्रष्टाचारियों का संरक्षण करते हैं और अच्छा काम करने वाले सरकारी अधिकारियों को पद से हटाते रहते हैं। उन्होंने ओली पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने और अपनी मनमानी चलाने का भी आरोप लगाया है।
आज ही प्रधानमंत्री ने शिक्षा मंत्री के पद पर अपनी पार्टी के सांसद रघुजी पंत को नियुक्त किया है। दो दिन पहले ही शिक्षा मंत्री विद्या भट्टराई ने प्रधानमंत्री के साथ अनबन के कारण पद से इस्तीफा दे दिया था। गुरुवार को उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए पंत को भट्टराई के स्थान पर नियुक्त किया है।
राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया है कि रघुजी पंत को शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। उनका शपथग्रहण आज शाम को 4 बजे होना तय हुआ है। नवनियुक्त शिक्षा मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती 23 दिनों से चले आ रहे शिक्षक आंदोलन को खत्म