2025 में 13 घंटे में निपट जायेगा पाकिस्तान
सैन्य शक्ति में भारत दुनियचा में चौथा तो पाकिस्तान 12वें पायदान पर, लेकिन गीदड़भभकी में नंबर वन
जंग की हालत में भारत के सामने टिक नहीं सकता पाकिस्तान
दोनों देशों के बीच सैन्य शक्ति और हथियारों की संख्या में है बड़ा अंतर
दोनों देश परमाणु हथियारों से हैं लैस, लेकिन पलड़ा भारत का ही भारी
नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
वैसे तो भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा सतह पर रहता है, लेकिन पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या किये जाने के भारत में माहौल काफी गरम है। देश की सेनाएं हाइ अलर्ट मोड में हैं और भारत द्वारा कूटनीतिक स्ट्राइक के बाद कुछ बड़ा किये जाने जैसा माहौल बन रहा है। भारत ने जिस कड़ाई से पहलगाम नरसंहार कांड पर प्रतिक्रिया दी है, उससे दुनिया भर में यही संदेश गया है कि भारत को रोक पाना अब असंभव है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ती है, तो किसका पलड़ा भारी रहेगा और दोनों देशों के पास कितनी सैन्य ताकत है। भारत ने पाकिस्तान के साथ तीन युद्ध लड़े हैं और हर बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है। 1971 की लड़ाई में तो भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दुनिया का नक्शा ही बदल दिया था। ऐसे में यह बात आराम से कही जा सकती है कि युद्ध की हालत में भारत का पलड़ा बहुÞत भारी है। जहां तक सैन्य ताकत की बात है, तो दोनों के पास महत्वपूर्ण सैन्य शक्ति है, लेकिन भारत को लगभग हर क्षेत्र में बढ़त हासिल है। भारत के पास अधिक सैनिक, एडवांस जेट और मिसाइलें, बेहतर उपकरण के अलावा एक बड़ी नौसेना भी है। तनाव बढ़ने पर भारत को बहुस्तरीय रक्षा क्षमताओं से उसको हवा और जमीन के अलावा समुद्र में भी लाभ मिलेगा। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत पाकिस्तान से काफी आगे है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि भारत दुनिया में इस मामले में चौथे स्थान पर है, तो पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। क्या है भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत और कैसे भारत पाकिस्तान को युद्ध के मैदान में चौथी बार भी पटखनी देने की स्थिति में है, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम के बायसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत ने हमले के बाद कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि रद्द करने समेत पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगा दिये हैं। भारत की ओर से लिये गये बड़े फैसलों के बाद पाकिस्तान भी लगातार गीदड़ भभकियां दे रहा है। हालांकि सच यह है कि भारत की सैन्य शक्ति के आगे पाकिस्तान कहीं भी नहीं टिकता है। चाहे वह थल सेना की बात हो या नौसेना की या फिर वायु सेना की। भारत की तीनों सेनाएं पाकिस्तान की सेनाओं के मुकाबले अधिक मजबूत हैं। पहलगांव में कायराना हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं, लेकिन सबसे अहम बात यह है कि क्या पाकिस्तान भारत की सशक्त सेनाओं का मुकाबला कर पायेगा।
भारत की ताकत
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट बताती है कि सैन्य शक्ति के मामले में भारत, पाकिस्तान से काफी आगे है। अगर भारत इस मामले में चौथे पायदान पर है तो पाकिस्तान काफी दूर 12वें स्थान पर पड़ा हुआ है। अगर सक्रिय सैनिकों की बात करें तो भारत के पास 14.55 लाख की संख्या है। वहीं रिजर्व फोर्स की बात करें तो वहां भी आंकड़ा 11.55 लाख तक पहुंचता है। पैरामिलिट्री जवानों की स्थिति में भी भारत काफी मजबूत हो चुका है। वर्तमान में पैरामिलिट्री जवानों की संख्या 25 लाख 27 हजार चल रही है। पिछले कुछ स्थानों में भारत का डिफेंस बजट भी तेज गति से आगे बढ़ा ,है आंकड़ों में बात करें तो अब भारत का डिफेंस बजट 77.4 अरब डालर तक जा चुका है, इसे 681210 करोड़ रुपये भी कहा जा सकता है।
दोनों देशों की थलसेना
भारत के पास 14 लाख 55 हजार 550 सक्रिय सैनिक हैं। भारत के रिजर्व सैनिकों की संख्या 11 लाख 55 हजार है। वहीं पाकिस्तान के पास छह लाख 54 हजार सक्रिय सैनिक हैं और पांच लाख 50 हजार रिजर्व सैनिक हैं। पैरामिलिट्री फोर्स का आंकड़ा देखें, तो भारत के पास जहां 25 लाख 27 हजार सैनिकों की क्षमता है, वहीं पाकिस्तान के पास पांच लाख की पैरामिलिट्री फोर्स है। भारत के पास 4,201 टैंक हैं, जबकि पाकिस्तान के पास केवल 2,627 टैंक हैं। भारत के पास टी-90 भीष्म और अर्जुन टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल और पिनाक रॉकेट सिस्टम से लैस हाइटेक वाहन भी हैं। भारत के पास डेढ़ लाख के करीब बख्तरबंद गाड़ियां हैं, जो पाकिस्तान के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं। भारत के पास बोफोर्स और होवित्जर तोपें मौजूद हैं, जो पाकिस्तान को कारगिल के युद्ध में धूल चटा चुकी हैं।
दोनों देशों की वायुसेना
भारतीय वायुसेना के पास 513 जेट के साथ 2,229 एयरक्राफ्ट हैं। वहीं पाकिस्तान के पास 328 फाइटर जेट सहित कुल 1,399 विमान हैं। हेलीकॉप्टरों के मामले में भी भारत आगे है। उसके पास 899 हेलीकॉप्टर हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 373 हेलीकॉप्टर हैं। भारत के पास 80 अटैक हेलीकॉप्टर हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 57 हैं। भारत की वायुसेना में राफेल फाइटर जेट, सुखोई एसयू-30 एमकेआइ, मिराज-2000, मिग-29 फाइटर जेट हैं, जो ब्रह्मोस, अस्त्र, रुद्रम और आकाश जैसे मिसाइल सिस्टम से लैस हैं। पाकिस्तान के पास जेएफ-17 थंडर, ए-16 और मिराज जैसे फाइटर जेट्स हैं। भारत के पास दुनिया की सबसे ताकतवर और खतरनाक मिसाइल है, जिसकी गति और मारक क्षमता के आगे दुनिया के बड़े से बड़े रेंज की मिसाइलें घुटने टेक देती हैं। वहीं, पाकिस्तान के पास ऐसी मिसाइलें हैं, जो भारत की पूरी सीमा को कवर करती हैं। उनकी मारक क्षमता का अंदाजा तो लगाया नहीं जा सकता, लेकिन वो भारतीय मिसाइलों की तुलना में रेंज के मामले में कहीं नहीं टिकतीं। भारत के पास ऐसी कई मिसाइलें हैं जो पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए काफी हैं। जैसे ब्रह्मोस, अग्नि-5, पृथ्वी-3, बराक-8, के-4 मिसाइल है। वहीं पाकिस्तान के पास हत्फ-7/बाबर, हत्फ-4/शाहीन-1, हत्फ-5/गौरी, हत्फ-6/शाहीन-2, शाहीन-3 मिसाइल है।
दोनों देशों की नौसेना
भारत की नौसेना के आगे पाकिस्तान की नौसेना बेहद ही कमजोर नजर आती है, चाहे वह युद्धपोतों की बात हो या फिर पनडुब्बियों की। भारत के पास कुल 293 नौसैनिक जहाज हैं, 18 पनडुब्बियां हैं। वहीं पाकिस्तान में करीब 121 नौसैनिक जहाज और आठ पनडुब्बियां हैं। भारत के पास दो विमान वाहक पोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास एक भी नहीं है। वहीं भारत के पास 13 13 डिस्ट्रॉयर हैं, जबकि पाकिस्तान के पास एक भी नहीं है। भारत की नौसेना में कुल 1,42,252 सक्रिय सैनिक हैं।
भारत और पाकिस्तान का रक्षा बजट
अगर भारत और पाकिस्तान के रक्षा बजट की बात की जाये, तो भी पाकिस्तान काफी पीछे है। भारत का रक्षा बजट 2025-26 में 6.8 लाख करोड़ (करीब 79 अरब) तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 9.5% ज्यादा है। वहीं पाकिस्तान का रक्षा बजट 2,281 अरब रुपये है, जिसमें इस साल 7.49 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है।
पाकिस्तान के पास डेस्ट्रॉयर और एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं
पड़ोसी पाकिस्तान के मुकाबले भारत की स्थिति काफी बेहतर है। सैन्यबलों से लेकर रक्षा बजट तक भारत ने पाकिस्तान पर बड़ी बढ़त बना रखी है। हाल के वर्षों में थलसेना के मामले में भारत ने अपनी ताकत को काफी बढ़ा लिया है। पाकिस्तान इसके सामने कहीं भी ठहरता नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा वायुसेना की ताकत में भी पाकिस्तान भारत के आगे कहीं नहीं ठहरता है। नौसेना में शामिल हथियारों और ताकत का जिक्र किया जाये, तो अभी तक पाकिस्तान के पास डेस्ट्रॉयर और एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं हैं।
क्या है किसी देश की ताकत मापने का तरीका
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स (जीएफपी) में किसी देश की ताकत उसके स्कोर पर निर्भर होती है। जिस देश का स्कोर जितना ज्यादा होता है, उसकी ताकत उतनी ही कम आंकी जाती है। यानी 0.0000 का स्कोर सबसे शानदार माना जाता है। इसके बाद जैसे-जैसे यह स्कोर बढ़ता रहता है, वैसे ही देशों की ताकत कम मानी जाने लगती है। इन देशों को यह स्कोर उनकी सेनाओं के संख्याबल, हथियारों की ताकत, लॉजिस्टिक्स लाने-ले जाने की क्षमताएं, भौगोलिक स्थिति और आर्थिक शक्ति के आधार पर दिया जाता है।
जंग में कितने दिन तक टिक पायेगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान की सैन्य क्षमता भारत की तुलना में कम है, खासकर अगर लड़ाई लंबी चली तो। 1971 की जंग में जब भारत ने पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर हमला किया था तो पाकिस्तान ने 13 दिनों में सरेंडर कर दिया था और उसके 2 टुकड़े हो गये थे। मौजूदा समय की बात करें तो पाकिस्तान का सीधी लड़ाई में 13 दिन तक टिकना भी मुश्किल लगता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2 से 3 हफ्ते की जंग पाकिस्तान को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है। इस तरह देखा जाये तो एक सैन्य शक्ति के रूप में पाकिस्तान और भारत का कोई मुकाबला ही नहीं है।
सीमा पर बढ़ रहा तनाव
भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत की जानकारी के बीच यह जानना भी अहम है कि एलओसी पर भी तनाव बढ़ रहा है। पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है, जिसका जवाब भारतीय सेना भी दे रही है। पाकिस्तान को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही इस बात का डर सता रहा है कि भारत कभी भी पीओके पर हमला कर सकता है। इसी वजह से पाकिस्तान की सेना भी अलर्ट मोड पर है और साथ ही सतह से सतह पर मार करनेवाली मिसाइल की भी टेस्टिंग की जा रही है। भारत ने भी कुछ मिसाइलों की सफल टेस्टिंग की है और आइएनएस विक्रांत को भी अरब सागर में तैनात कर दिया है। भारतीय सेना भी पूरी तरह से तैयार है। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होगा या नहीं, फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन जिस तरह से दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ रही है, वो युद्ध की ओर ही इशारा कर रही है। पीएम मोदी इस बार चुप बैठने वाले तो नहीं हैं। कुछ बड़ा जरूर होने वाला है।