गुवाहाटी: असम सरकार तीन तलाक पाने वाली मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक रूप से मदद देने जा रही है। यह मदद पेंशन देकर की जाएगी।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए रोजगार की संभावना बढ़ाने के लिए उन्हें कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ने का प्रावधान होगा। अंतरिम तौर पर तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को पारिवारिक पेंशन दी जाएगी।’

उन्होंने यह भी इशारा दिया कि लड़की पैदा होने या अन्य किसी सतही आधार पर महिला को छोड़ने या तलाक देने जैसे मामले को दंडनीय अपराध बनाने के लिए कानून भी बनाया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को अंतरिम पेंशन के लिए जनसंख्या नीति के प्रारूप में प्रावधान जोड़ा जाएगा।इसके अलावा इसमें अन्य बदलाव भी किए जाएंगे। इनमें इसका नाम बदलकर जनसंख्या और महिला सशक्तिकरण नीति करना भी शामिल है।

यही नहीं, राज्य सरकार असम के विधायकों और सांसदों के लिए दो बच्चों की शर्त को अनिवार्य बनाने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने जा रही है।

असम सरकार ने बीते महीने नौ तारीख को जनसंख्या नीति का प्रारूप जारी किया था। इसके तहत दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों के चुनाव लड़ने और सरकारी नौकरियों में जाने पर रोक लगाई गई है। हालांकि, गुरुवार को असम के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ खास मामलों में तीसरे बच्चे के जन्म की छूट दी जाएगी।

इनमें जुड़वां बच्चे होने, बच्चे की मौत होने और बच्चों की ओर से माता-पिता को छोड़ देने जैसी विशेष परिस्थितियां
शामिल हैं।

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