प्योंगयांग: उत्तर कोरिया ने अपने नवीनतम लंबी-मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण का बचाव करते हुए उसे ‘आत्मरक्षा के लिए परमाणु क्षमता बढ़ाने का नियमित कार्य’ करार दिया और साथ ही इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निंदा को खारिज कर दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा, “ह्वासोंग-12 का सफल परीक्षण कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और यह कोरियाई जनता की सबसे बड़ी जीत है।”
उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षणों को लेकर अन्य देशों से समर्थन जुटाने के लिए कूटनीतिक प्रयास भी बढ़ा रहा है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों के राजनयिकों को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।
उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने अमेरिका पर ‘प्रतिबंध प्रस्तावों’ के दुरुपयोग से अन्य देशों को उसके खिलाफ कूटनीतिक संबंध खत्म करने का दबाव डालने का आरोप लगाया। अधिकारी वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और आसियान अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई एक बैठक का जिक्र कर रहे थे। बैठक में टिलरसन ने आसियान देशों से उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक संबंध खत्म करने का आग्रह किया था।
उत्तर कोरिया के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा, “वैधता, नैतिकता और निष्पक्षता रहित ‘प्रतिबंध प्रस्तावों’ के प्रयोग से ऐसे दबाव बनाना किसी भी संप्रभु देश की आजादी का हनन है और दूसरों के आतंरिक मामलों में दखल है।” उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया ने रविवार को बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जो निशाने पर सटीक लगा था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासचिव एंटोनियो गुटेरेस दोनों ने सोमवार को मिसाइल परीक्षणों की निंदा की थी।