“जीएसटी काउंसिल ने 90 फीसदी वस्तुओं पर कर की दरें तय कर दी हैं। रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं को सबसे कम टैक्स स्लैब में रखा गया है। ”

श्रीनगर में वित्तमंत्री अरुण जेटली की अगुआई में दो दिन तक चलने वाली बैठक के पहले सत्र में यह निर्णय लिया गया है। अधिकतर राज्यों के प्रतिनिधि इस बैठक में शिरकत कर रहे हैं।

सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार ब्रैकेट में रखा गया है। जिनपर 5, 12, 18, और 28 फीसदी की दर से कर लगेगा। सरकार एक जुलाई से जीएसटी को लागू करने की तैयारी कर रही है।

ज्यादातर फूड आइटम्स पर जीरो फीसदी तो डेयरी आइटम्स पर 5 फीसदी कर लगाया गया है ।

जीएसटी के तहत सभी सेवाओं और वस्तुओं पर कर की दरें तय करते वक्त मौजूदा कर दरें और वैट को ध्यान में रखा जा रहा है।

वित्तमंत्री अरुण जेटली का मानना है कि जीएसटी के तहत कम से कम छूट दी जानी चाहिए। बहुत जरूरी होने पर ही इस पर विचार किया जा सकता है।

जीएसटी के बाद पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा।

चारों ब्रैकेट में रखी गई वस्तुओं पर तय की गई दरों की पूरी जानकारी शुक्रवार को बैठक समाप्त होने पर ही सामने आ सकेगी।

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