नई दिल्ली: इस समय तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में जोरदार बहस चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में चल तीन तलाक और हलाला के मुद्दे पर बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने तीन तलाक के मुद्दे पर की साफ़ कहा की यह कानून नहीं हो सकता है। तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाएं भारत में ही हैं बल्कि कई अन्य देशों ने तो इन्हें ख़त्म भी कर दिया है।

मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए शोषण का पर्याय बने तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दे पर इस वक्त देश की सबसे बड़ी अदालत में जोरदार बहस चल रही है। तीन तलाक और हलाला पर शुक्रवार को एतिहासिक बहस हुयी। सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजों की संविधान पीठ में इस मामले पर चल रही सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा खुदा की नजर में ट्रिपल तलाक गलत है। उन्होंने कहा कि किसी अन्य देश में मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक नहीं दिया जाता है, यह केवल भारतीय मुसलमानों में प्रचलित है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खुर्शीद से की आखिर इसे ख़त्म कैसे किया जा सकता है। साथ ही अन्य देशों ने इस कानून को कैसे ख़त्म किया है। इसके जवाब में खुर्शीद ने कहा कि दूसरे देशों में भी ऐसे ही मामले आए होंगे, तभी यह खत्म हो पाया होगा। जिसप्रकार से भारत में मामले आने शुरू हुये हैं। वकील ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 सभी भारतीय नागरिकों को बराबरी का हक़ देते हैं। ऐसे में तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाएं असंवैधानिक हैं। वरिष्ठ वकील जेठमलानी ने दावा किया कि वह बाकी मजहबों की तरह इस्लाम के भी छात्र हैं। उन्होंने हजरत मोहम्मद को ईश्वर के महानतम पैगंबरों में से एक बताया और कहा कि उनका संदेश तारीफ के काबिल है। जेठमलानी ने कहा कि कुरान कहती है कि आप अगर ज्ञान की तलाश में हैं तो अल्लाह की राह पर हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या पूछा एमिकस क्युरी से

तीन तलाक पर चल रही जोरदार बहस पर आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने एमिकस क्यूरी की भूमिका निभा रहे सलमान खुर्शीद से पूछा कि क्या तीन तलाक इस्लाम में महज एक प्रथा है या फिर अभिन्न हिस्सा है? आखिरकार संविधान पीठ ने जानना चाहा कि क्या ऐसा कोई रिवाज जो गुनाह हो, शरीयत का हिस्सा हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खुर्शीद से यह भी जानना चाहा कि किसी भी गुनाह को ईश्वर की मर्जी कैसे माना जा सकता है? इसके अलावा विश्व के कई देशों ने तीन तलाक और हलाला जैसे कानूनों को कैसे ख़त्म किया?

ज्ञात हो कि तीन तलाक के मुद्दे पर देशभर में विवाद छिड़ा है। जहाँ तीन तलाक की पीडितायें इसे अपने खिलाफ अन्याय बता रही हैं वहीँ तो कुछ मौलाना इसे शरियत का कानून बता रहे हैं। तीन तलाक के मुद्दे पर देशभर में चल रही वहस पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी इसे गलत बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध वर्ग से इसपर विचार करने की मांग की थी।

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