भारत के वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में सोमवार को कहा कि उनके देश को अंदेशा है कि सुनवाई पूरी होने से पहले उसके नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी दी जा सकती है। साल्वे ने कहा कि जाधव को तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था और जासूसी एवं विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में उन्हें सजाए मौत सुनाई गई है। उनसे जब इकबालिया बयान दिलवाया गया ,जब वह पाकिस्तान की सैन्य हिरासत में थे।
साल्वे ने ICJ से कहा- भारत को डर जाधव को फांसी न दे दे PAK, अब पाकिस्तान रखेगा पक्ष
CJI में भारत ने रखी ये 10 दलीलें…
1) भारत ने कहा कि पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने बड़े पैमाने पर नियमों को उल्लंघन किया। कोर्ट ने काउंसलर एक्सेस न देकर आरोपी के साथ कैसे न्याय कर सकती है।
2) एक निर्दोष भारतीय को एक साल से जेल में बंद कर रखा है और उसको उसके अधिकारों से वंचित रखा। यह वियना नियमों का उल्लघंन है जिसका तत्काल निष्पादन होना चाहिए।
3) कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर तुरंत रोक लगाई जाए।
भारत के अनुसार, यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए।
4) पाकिस्तान लगातार काउंसलर एक्सेस को मना करता रहा और इतना ही नहीं इस्लामाबाद ने जाधव के ट्रायल के कोई दस्तावेज भी नहीं सौंपे।
5) जाधव से जबरन उसका कबूलनामा लिया गया जब वह पाकिस्तान सेना की हिरासत में था।
7) कुलभूषण जाधव से राजनयिक मुलाकात करने देने के भारतीय आग्रहों को 16 बार ठुकराकर पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया। इतना ही उनके परिजनों को मिलने के लिए पाकिस्तान ने वीजा नहीं दिया।
8) भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह व्यापार कर रहे थे।
9) पाकिस्तान की तरफ से जाधव के ट्रायल को लेकर कोई दस्तावेज भारत को नहीं दिया गया। जाधव की गिरफ्तारी के बाद भारत को कोई जानकारी नहीं दी गई।
10) पाकिस्तान ने जाधव के अधिकारों का हनन किया, भारत को जानकारी नहीं कि जाधव को पाकिस्तान में कहां रखा गया है।