सेंट पीटर्सबर्ग: साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट फ्रेंच ओपन में रूस की महिला खिलाड़ी मारिया शारापोवा को टूर्नामेंट के आयोजकों द्वारा वाइल्ड कार्ड न देने की महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) ने आलोचना की है। डब्ल्यूटीए ने कहा है कि फ्रेंच ओपन के आयोजकों के पास शारापोवा को वाइल्ड कार्ड न देने का कोई आधार नहीं है।
फ्रेंच टेनिस फेडरेशन ने शारापोवा को ‘खेल के मानदंडों की रक्षा के लिए’ वाइल्ड कार्ड एंट्री नहीं देने का फैसला किया।
टेनिस की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी शारापोवा ने डोपिंग का दोषी पाए जाने के बाद 15 महीनों के निलंबन के बाद कोर्ट पर वापसी की है। उनकी रैंकिंग काफी नीचे है और इसी कारण उन्हें वाइल्ड कार्ड की जरूरत थी।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्टीए के मुखिया स्टीवन सीमोन ने कहा है, “मैं उनके फैसले के आधार से सहमत नहीं हूं। वह निलंबन की सजा काट चुकी हैं।”
दो बार की फ्रेंच ओपन विजेता शारापोवा को इस साल टूर्नामेंट में खेलने के लिए वाइल्ड कार्ड की जरूरत थी लेकिन सोमवार को फ्रेंच टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष बर्नाड गुइडसेली फेरानदीनि ने कहा कि, “चोट से आने वालों के लिए वाइल्ड कार्ड एंट्री होती है न कि डोपिंग की सजा काट के आने वालों के लिए।”
उन्होंने कहा, “मुझे मारिया और उनके प्रशंसकों के लिए दुख है। वे निराश हो सकते हैं, मारिया भी निराश हो सकती हैं, लेकिन मेरी जिम्मेदारी और मेरा लक्ष्य खेल के उच्च पैमानों की रक्षा करना है।”
फ्रेंच ओपन में न खेलने की खबर सुनने के साथ ही शारापोवा ने इटैलियन ओपन के दूसरे दौर से पहले चोट के आधार पर नाम वापस ले लिया।
फ्रेंच ओपन की शुरुआत 28 मई से हो रही है।