नयी दिल्ली: राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए देश के सभी विपक्षी दल मिलकर एक सहमती बनाकर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा के लिए लम्बे समय से बैठके करते आ रहे हैं। वहीँ सरकार ने अभी राष्ट्रपति के नाम के उम्मीदवार के पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में कई विपक्षी दल असमंजस की स्थित में फंसे हुए हैं। वहीँ शुक्रवार को सोनिया गांधी के बुलाये गये भोज में कई विपक्षीदल के नेताओं ने हिस्सा लिया।

राष्ट्रपति के नाम की उम्मीदवारी पर देश की कई विपक्षी पार्टियाँ बैठके और आम सहमति बनने में लगी हुयी हैं। ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी सोनिया गाँधी की उन नेताओं ने परेशानी बढ़ा रखी  है जो सरकार और विपक्ष दोनों के साथ खड़े दिखायी दे रहे हैं। शुक्रवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी ने सभी विपक्षी दलों को अपने आवास पर लंच के लिय आमंत्रित किया था। लंच में ममता, लालू यादव, सीताराम येचुरी जैसे कई नेताओं ने भाग लिया। लंच के बाद हुयी वार्ता में विपक्ष द्वारा आम सहमति से राष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम पर सहमती बनाने को लेकर चर्चा की गयी।

वहीँ चर्चा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर राष्ट्रपति पद के लिए केंद्र सरकार द्वारा नामित उम्मीदवार विपक्ष को मंजूर नहीं हुआ, तो विपक्षी पार्टियां अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष को अपना उम्मीदवार खड़ा करने की नौबत आई, तो विपक्षी नेताओं द्वारा एक छोटी समिति का गठन किया जाएगा। ममता ने कहा कि विपक्ष केंद्र सरकार के उम्मीदवार पर तभी सहमति जताएगी, जब वह धर्मनिरपेक्ष तथा संविधान की मर्यादा बरकरार रखने वाला होगा। वहीँ ममता बनर्जी ने गुरुवार को देश के पीएम नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की थी। हालाँकि उनके द्वारा मुलाकात को औपचारिक बाते गया था। आज बैठक के बाद ममता ने कहा कि अगर सरकार द्वारा राष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए एपीजे अब्दुल कलाम जैसे ही व्यक्ति का चेहरा पेश किया जाता है तो सरकार को ममता के साथ साथ कई अन्य दलों का भी साथ मिल सकता है।

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