लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज सोमवार को विधासभा सत्र के पहले ही दिन कुछ ऐसा देखने को मिला जो शाहय ही आज के पहले कभी देखा गया हो। मर्यादा की सभी सिमाओं को तोड़ने हुए जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों ने आज संवैधानिक पद पर बैठ राज्यपाल के उपर ही हमला बोल दिया।

दरअसल यूपी विधानसभा की कार्यवाही आज हंगामे के साथ शुरू हुई और थोड़ी देर बाद ही कार्यवाही स्थगित भी कर दी गई। सदन में राज्य के राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान सरकार के विपक्षी सदस्यों में राज्यपाल पर कागज के टुकड़े फेंके और सीटियां भी बजाईं ताकि उनके एक भी शब्द किसी के कानों तक न पहुंच सके।

 

हालांकि भारी हंगामें के बीच राज्यपाल ने अपना भाषण जारी रखा और अंत तक पूरा भी किया। बता दें कि उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का आज पहला सत्र था जिसके शुरुआती दौर में ही जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, हंगामे के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक सीटी, बैनर और तख्ती लेकर अपना विरोध जाता रहे थे। इस पूरे हंगामा के दौरान मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी सदन में मौजूद रहे।

पहले से ही तय था हंगामा

ऐसा माना जा रहा है, कि विधानसभा में होने वाला हंगामे पहले से ही तय किए गए थे। ये विपक्षी दलों की नापाक रणनीति का एक हिस्सा था, जिसके संकेत सत्र शुरू होने के पहले से ही मिल गए थे, और कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के विधयों ने साफ कर दिया कि योगी सरकार पर पहला हमला कानून व्यवस्था के मसले पर ही किया जाएगा।

इसके अलावा ब्याज सहित गन्ना मूल्य भुगतान, समाजवादी सरकार की योजनाओं की बलि देने जैसे मामलों को लेकर भी सीएम योगी पर निशाना साधने की तैयारी विपक्ष ने पहले ही कर रखी थी। हालांकि राज्यपाल का अभिभाषण खत्म होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष/स्पीकर हदय नारायण दीक्षित ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील की लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2017 के बाद यूपी की सत्ता पर भाजपा ने करीब 14 साल बाद घरवापसी की है, लिहाज पहली बार ऐसा हुआ जब विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण टेलीविजन पर भी दिखाया गया।

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