रांची: केरेडारी के महुआटांड़ के पास उग्रवादी सागर सहित छह की हत्या के बाद भीखन गंझू की टीम ने अशोका परियोजना के पास उनके शवों को एक साथ जला दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात दस बजे के आसपास भीखन ने उन शवों को जमीन पर रखा। फिर हाइवा में कोयला लाद कर लाया गया और शवों पर गिरा कर आग लगा दी गयी। उनके परिजनों को भी भीखन ने वहां बुला लिया था, लेकिन किसी को शव के पास नहीं जाने दिया गया। रविवार रात हुई छह की मौत के बाद पुलिस को घटनास्थल पर सिर्फ शवों के टुकड़े और खून के धब्बे मिले थे। इधर पुलिस जोनल कमांडर और दो सब-जोनल कमांडर समेत छह के शवों को तलाशने में लगी रही। इधर टीपीसी उग्रवादियों ने पुष्टि कर बताया कि सागर गंझू समेत सभी के शवों को छोटा हाथी में लाद कर भीखन गंझू चतरा से सटे अशोका परियोजना के पास रविवार की रात दस बजे पहुंचा था। वहां मारे गये सभी उग्रवादियों के परिजनो को भी बुलाया गया था।
एक हाइवा कोयला से जलायी गयीं लाशें
परिजनों के सामने सभी के शवों को एक हाइवा कोयला के नीचे रखकर जला दिया गया। भीखन ने किसी के भी परिजन को शव के पास जाने नहीं दिया। एक सूचना यह भी है कि अपने कैडरों में संदेश देने के लिए भीखन ने मारे गये उग्रवादियों के परिजनों को रैंक के हिसाब से पैसे भी दिये, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है।
खोखा तक चुन कर ले गया भीखन गंझू : थानेदार
घटना की जांच में जुटे बुढ़मू थानेदार राकेश रंजन ने बताया कि घटना के बाद उग्रवादी भीखन गंझू घटनास्थल से शव के साथ गोलियों के खोखे तक चुन कर ले गया है। घटना की रात करीब 50 राउंड से ज्यादा गोलियां हेंदेगीर गांव के पास चली थी, हालांकि पुलिस को घटनास्थल पर सिर्फ तीन से चार गोलियों के खोखे मिले हैं।
सागर गंझू की पत्नी से था भीखन के भांजे का प्रेम, जिस कारण सागर ने उसकी हत्या कर दी थी
सागर उर्फ दलाल गंझू ने आठ माह पहले खलारी के पास भीखन के भांजे सुरेश और भीखन की घर में घुस कर हत्या कर दी थी। उस समय मनीष भी सागर के साथ था। सूत्रों का कहना है कि भीखन के भांजे सुरेश उर्फ भीखन का सागर की पत्नी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। सागर और मनीष महतो ने उसे काफी समझाया भी था, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी थी। अंत में सागर ने घर में घुस कर उसकी हत्या कर दी थी। घटना के बाद भांजे की मौत का बदला लेने के लिए भीखन गंझू ने अनिल भुइया को चतरा से बुढ़मू भेजा था। एक दिन पहले ही संगठन में सागर के साथ शामिल होने के बाद अनिल ने घटना को अंजाम दिया और पैसे व हथियार लूटकर चलता बना। पुलिस के पास भी अनिल भुइया का कोई खास रिकॉर्ड नहीं है।
दो शादी के बाद तीसरी शादी करना चाहता था सागर
सागर गंझू ने एक शादी के बाद हाल के दिनों में दूसरी शादी भी की थी। इसके बाद उसका एक और युवती के साथ रातू प्रखंड में प्रेम प्रसंग चलने लगा था। इस बात को लेकर भी सागर के साथ कुछ लोगों का विवाद चल रहा था। सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में सागर चरित्र के मामले में भी काफी गिर चुका था। इसी कारण वह पार्टी लाइन से भटक गया था और अपने मन की करने लगा था। लेवी वसूलने के बाद भी वह पैसे अपने पास रख लेता था और पैरलल संगठन चलाने लगा था। उसकी हत्या के बाद इलाके के लोग खुश हैं।
भाकपा माओवादी और पीएलएफआइ का दुश्मन था सागर गंझू
सागर उर्फ दलाल गंझू ने टीपीसी ज्वाइन करने के बाद भाकपा माओवादी और पीएलएफआइ के तमाम लोगों को बुढ़मू, खलारी और आसपास के क्षेत्रों में मार गिराया था। भाकपा माओवादी के रामचरण सिंह, मैनेजर महतो, जगेश्वर यादव, अल्तू गंझू, अशोक उर्फ भवानी और बाल गोविंद यादव को मार गिराने के बाद सागर ने पीएलएफआइ के विष्णु यादव, कैलाश यादव, बद्री यादव, रघु यादव की हत्या कर पूरे क्षेत्र को भाकपा माओवादी और पीएलएफआइ से मुक्त करवाया था। सभी की हत्या के बाद सागर उर्फ दलाल की पूरे क्षेत्र में दहशत कायम हो गयी थी। इससे उसके अंदर अहंकार भी आ गया था और वह टीपीसी सुप्रीमो से भी अपने को प्रभावशाली समझने लगा था। धीरे धीरे वह पार्टी लाइन से अलग हट कर अपनी मनमर्जी काम करने लगा था।