वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने पूरे कैथोलिक चर्च के लिए एक नए कानून की बृहस्पतिवार को घोषणा की जिसके तहत यौन उत्पीड़न के मामलों से अवगत लोगों के लिए इसकी जानकारी देना अनिवार्य बना दिया गया है। वेटिकन के द्वारा प्रकाशित इस नए कानून के तहत पूरी दुनिया के डायोसिस को यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रिपोर्ट करने के लिए एक व्यवस्था बनानी होगी।

हालांकि, पादरी के समक्ष कन्फेशन (अपराध स्वीकार) के दौरान किए गए खुलासों पर यह कानून लागू नहीं होगा। फ्रांसिस ने एक कानूनी दस्तावेज में कहा कि समय आ गया है कि हम अतीत के बुरे अनुभवों से सीख लें। इस दस्तावेज को ‘मोटो प्रोपरियो’ नाम दिया गया है। इसके तहत जिसे भी उत्पीड़न की जानकारी है या इसका संदेह है, उसके लिए फौरन चर्च को इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा।

यह कानून सिर्फ चर्च के भीतर लागू है और यह व्यक्तियों को इस बात के बाध्य नहीं करता है कि वह इन यौन उत्पीड़नों की जानकारी प्रशासन को दें। बता दें कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें चर्च के पादरी पर ही यौन शोषण के आरोप लगे हैं।

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