ईद पर घरों में कई तरह की सेवईं खाने को मिलेगी। किमामी सेवईं और शीर सेवईं के लिए खासी तैयारी चल रही है। रूई के फाहे जैसे दिखनी वाली बारीक बनारसी सेवईं, शीर सेवईं बनाने के लिए खूब देख-पसंद करके खरीदी जा रही है। हल्के या गाढ़े रंग की पसंद के अनुरूप भूनने के लिए बहुतेरे खरीदार कच्ची सेवईं खरीद रहे हैँ। वहीं, कुछ लोग भुनी सेवईं खरीद रहे हैं। सेवईं व्यापारी फैसल बख्श का कहना है कि नंबर के मुताबिक बारीक और मोटी अलग-अलग किस्म की सेवईं बेची जा रही है। डबल जीरो, जीरो, एक, दो और तीन नंबर की सेवईं उपलब्ध है। सेवईं कारोबारी अमीन नियाजी के मुताबिक लजीज शीर सेवईं बनाने के लिए लोग बारीक बनारसी सेवईं की खरीदारी कर रहे हैं। वहीं, पानी वाली सेवईं के लिए तीन नंबर की सेवईं 50 रुपये में बिक रही है।
पिस्ता, काजू, बादाम, केसर पड़ेगा
सेवईं की लज्जत बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मेवे की खरीद भी जोरों पर है। काजू, किसमिस, पोश्तादाना, नारियल का बुरादा, छुहारा, चिरौंजी, बादाम, पिस्ता, केसर आदि खरीदा जा रहा है। किसी को हरी किसमिस चाहिए तो किसी को पीली किसमिस। कोई खड़े काजू सेवईं के लिए पसंद कर रहा तो किसी को टुकड़ा काजू रास आ रहा। मेवे की दुकान पर पहुंचीं शहाना ने कहा कि मेवा और खोआ से ही सेवईं का जायका बनता है। बेहतरीन जायका मेवे के बिना मुमकिन नहीं।
असली खोआ की तलाश
सेवईं का स्वाद और रंग अच्छा आए, इसके लिए असली खोआ जरूरी माना जाता है। सेवईं खरीद रहीं निकहत का कहना है कि सेवईं का स्वाद असली खोआ के बिना अच्छा नहीं हो सकता। सेवईं का रंग ठीक रखने में भी खोआ अहम है। सारा मेवा बेकार हो जाएगा अगर खोआ असली नहीं मिला। बाजार के खोआ पर भरोसा नहीं करने की वजह से वह दूध मंगाकर खोआ खुद घर में तैयार करती हैं।
नमकीन सेवईं का भी चलन
मीठे के साथ कुछ नमकीन या तीखा न हो तो मजा कैसा। ईद पर कई तरह के नमकीन व्यंजन भी घरों में बनाने की तैयारी की गई है। वहीं, कुछ घरों में नमकीन में भी सेवईं ही परोसने की तैयारी है। लेमन सेवईं, मसाला सेवईं, पिपर सेवईं आदि।
देशी घी की सूतफेनी भी
ईद पर सेवईं के साथ सूतफेनी भी परोसी जाएगी। इसके लिए सफेद और लाल सूतफेनी बिक रही है। पसंद के रंग के अनुरूप लोग सूतफेनी खरीद रहे हैं।