लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों के लिए आठ स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। इनके जरिये करीब सात हजार लोगों की घर वापसी हो रही है। कुछ ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच गई हैं, तो कुछ रास्ते में हैं। इनमें ज्यादातर श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य हैं।
पहली ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए चलाई गई, जो शुक्रवार देर रात हटिया पहुंची। इसी तरह महाराष्ट्र के नासिक से मध्य प्रदेश के लिए चली विशेष ट्रेन भी शनिवार सुबह भोपाल पहुंच गई। जबकि ग्वालियर से बिहार के लिए चली ट्रेन करीब1200 श्रमिकों को लेकर शनिवार दोपहर दानापुर पहुंच गई। एक ट्रेन गुजरात के साबरमती से आगरा के लिए रवाना की गई।
जबकि रविवार सुबह एक विशेष ट्रेन नासिक से लखनऊ पहुंचेगी।
पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर के चीफ पीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि 24 कोचों वाली इस विशेष ट्रेन में 1187 श्रमिक सवार थे। चिकित्सीय जांच के लिए 20 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है। जांच के बाद इन्हें बसों से इनके जिलों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 100 बसों का इंतजाम किया गया है। बसों के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाएगा। वहीं, मध्य प्रदेश के 347 श्रमिकों को लेकर विशेष ट्रेन महाराष्ट्र के नासिक से शनिवार सुबह भोपाल पहुंच गई। कामगारों की जांच के बाद इन्हें 15 बसों में इनके शहरों व कस्बों में भेजा जाएगा। ज्वाइंट कलेक्टर राजेश गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के बीच यह पहली विशेष ट्रेन है, जो मध्य प्रदेश के लोगों को लेकर यहां पहुंची है।
जबकि, महाराष्ट्र में फंसे यूपी के 40 जिलों के 850 से अधिक श्रमिकों को लेकर विशेष ट्रेन रविवार सुबह 8 बजे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुुंचेगी। एडीएम ईस्ट केपी सिंह ने बताया कि सभी श्रमिकों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें रोडवेज की विशेष बसों से उनके गृह जिले भेजा जाएगा। इनमें सबसे अधिक सौ श्रमिक सिद्धार्थनगर जिले के हैं।
रेलवे ने शनिवार को बताया कि जोनल रेलवे, राज्य प्रशासन की मांग के हिसाब से ट्रेन चलाएगा। इसके लिए स्थानीय जिलाधिकारी और डीआरएम (संभागीय रेलवे प्रबंधक) एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं। इस बारे में अगर कोई विशेष जानकारी हुई, तो जोनल सीपीआरओ (मुख्य जनसंपर्क अधिकारी) बताते रहेंगे। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री से मांग की है कि श्रमिकों को अपने गृहराज्य पहुंचाने के लिए देशभर में कम से कम 28 ट्रेनें चलाई जाएं।
ओडिशा से लौटेंगे 60 हजार प्रवासी कामगार
ओडिशा सरकार ने विभिन्न राज्यों के 60 हजार प्रवासी कामगारों को वापस उनके गृह राज्य भेजने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलाधिकारियों और नगर निगम के आयुक्तों को लिखे पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके जेना ने प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने को कहा है। राज्य सरकार ने प्रवासी कामगारों को ‘अतिथि श्रमिक’ का दर्जा दिया है।
ट्रेनें के नाम :
- जयपुर (राजस्थान) से पटना (बिहार) 1200
- कोटा (राजस्थान) से हटिया (झारखंड) 1000
- नासिक (महाराष्ट्र) से लखनऊ (यूपी) 850
- नासिक (महाराष्ट्र) से भोपाल (मध्य प्रदेश) 347
- लिंगमपल्ली (तेलंगाना) से हटिया (झारखंड) 1140