अजय शर्मा
रांची। बरियातू रोड में बन रहा पल्स हॉस्पिटल एक बार फिर चर्चा में है। जिस जमीन पर इस अस्पताल की बहुमंजिली इमारत बन रही है, वह विवादित है। जमीन का म्यूटेशन भी रद्द किया जा चुका है। विवादास्पद भूमि की जांच का आदेश खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया था। जांच हुई भी, लेकिन रिपोर्ट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह अस्पताल झारखंड कैडर की महिला आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति का है। मुख्यमंत्री ने 11 फरवरी को जांच के आदेश दिये थे। जांच रांची के उपायुक्त को करनी थी। उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट सुपुर्द कर दी है, जिसमें कई गड़बड़ियों की पुष्टि की गयी है।
भुइंहरी जमीन पर हॉस्पिटल
रिपोर्ट में कहा गया है कि पल्स हॉस्पिटल जिस परिसर में बन रहा है, उसका कुछ हिस्सा भुइंहरी है, जिसे न तो बेचा जा सकता और न ही उसका दाखिल-खारिज किया जा सकता है। रांची में तो अधिकारियों ने उक्त जमीन का दाखिल-खारिज कर दिया, जिसे रद्द कर दिया गया है। 33 डिसमिल भुइंहरी जमीन में से तीन कट्ठा जमीन अरुण कुमार जैन के नाम से है। इसका म्यूटेशन 30 मार्च 2019 को किया गया। इसका खाता नंबर 192 और खेसरा नंबर 1248 है। जमीन का कुछ हिस्सा विवादास्पद है। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि रांची के सीओ ने म्यूटेशन रद्द कर दिया है, लेकिन इसके लिए दोषी किसी भी अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नहीं हुई कार्रवाई
जिस जगह पर पल्स अस्पताल है और जिस तरह से सरकारी जमीन को हथियाया गया है, अगर यह काम कोई कमजोर आदमी करता, तो अब तक उसके खिलाफ यही अधिकारी बड़ी कार्रवाई कर चुके होते। हो सकता है उसके द्वारा बनाये गये भवन को ढाह दिया गया होता और जमीन वापस कर दी गयी होती। यहां तो मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। कार्रवाई नहीं होने के बारे में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
स्वास्थ्य सचिव का पद चाहिए सिंघल को
इस हॉस्पिटल से जुड़ी आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को स्वास्थ्य सचिव का पद चाहिए। इसके लिए वह मंत्रियों के यहां दरबार लगा रही हैं। इसके पीछे की कहानी यह है कि वह चाहती हैं कि अगर स्वास्थ्य सचिव बन गयीं, तो उनका हॉस्पिटल चल पड़ेगा। उनके लिए पैरवी भी शुरू कर दी गयी है।