नई दिल्‍ली । वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के साथ हालात का जायजा भी लिया। सीतारमण ने गुरुवार को ये समीक्षा यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में की। उन्होंने ऐसे वक्‍त में यह समीक्षा की है, जब कोविड-19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बता दें कि क्षेत्रीय नियामकों के लिए एफएसडीसी शीर्ष निकाय है, जिसके अध्यक्ष वित्त मंत्री हैं।

कोरोना-19 की महामारी के संक्रमण काल में एफएसडीसी की यह पहली बैठक है। इस बैठक में एफएसडीसी के सदस्यों के तौर पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर, भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (सेबी) और पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के तीनों अध्यक्ष शामिल हुए। वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भी बैठक में शामिल हुए। मोदी सरकार के पिछले साल मई में दूसरी बार सत्ता में लौटाने के बाद एफएसडीसी की ये तीसरी बैठक है।

आरबीआई गवर्नर के अलावा सेबी प्रमुख अजय त्यागी, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेरमैन सुभाष चंद्र खुंतिया, ऋण शोधन एवं दिवाला बोर्ड (आईबीबीआई) के चेयरमैन एमएस साहू और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय भी बैठक में मौजूद थे। इसके अलावा आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे, वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा समेत वित्त ममंत्रा अन्य शीर्ष अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

उल्‍लेखनीय है कि एसएंडपी, फिच रेटिंग्स और क्रिसिल समेत कई रेटिंग एजेंसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान जताया है। ऐसी स्थिति में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई एफएसडीसी की ये 22वीं बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के संदर्भ में वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए विभिन्न उपायों की समीक्षा की गई  है। बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एफएसडीसी उप-समिति और वित्तीय क्षेत्रों के विभिन्न नियामकों द्वारा उठाये गए कदमों पर भी गौर किया गया।

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