• सरकार से लेकर पार्टी स्तर पर घर वापसी की हो रही है पहल
  • फंसे लोगों की वापसी के मुद्दे पर कांग्रेस का शिष्टमंडल सीएम से मिला

रांची। फंसे झारखंडी प्रवासी की घर वापसी को लेकर प्रदेश कांग्रेस का शिष्टमंडल शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास जाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला। मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि रेलमंत्री पीयूष गोयल का यह बयान पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है कि झारखंड समेत कुछ राज्य सरकारें प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर एनओसी देने में विलंब कर रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार सभी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर चिंतित है और इसे लेकर पार्टी संगठन के स्तर पर भी मदद के लिए आवश्यक पहल की जा रही है। वहीं कांग्रेस गठबंधन की सरकार सभी राज्यों से संपर्क कर प्रवासी श्रमिकों को वापस गृह नगर पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य सरकार के वरीय अधिकारियों की ओर से इस संबंध में विभिन्न राज्यों और रेलवे को भी पत्र लिखकर अधिक से अधिक ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित कराने का आग्रह किया गया है। शिष्टमंडल में मंत्री आलमगीर आलम, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे और लाल किशोर नाथ शाहदेव उपस्थित थे।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी कि देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे झारखंडवासियों का पंजीयन होने के बाद राज्य सरकार विशेष ट्रेन से प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर एनओसी देती है और इन यात्रियों को राज्य वापस लाने के लिए झारखंड सरकार की ओर से किराये का भुगतान किया जाता है। राज्य में अब तक एक लाख प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित हो चुकी है। देश के विभिन्न शहरों से वापस आने वाले सभी यात्रियों को विशेष ट्रेन के माध्यम से संबंधित जिले और उनके घर पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा क्वारेंटाइन सेंटर में रहने तथा परिवार के सभी सदस्यों के लिए राशन की भी व्यवस्था कर रही है।

रजिस्टर्ड सात लाख प्रवासियों को वापस लेने के लिए सरकार प्रयासरत: आलोक दुबे
मुलाकात के कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी कि देश में झारखंड ही एक ऐसा राज्य है, जिसने लॉकडाउन में सबसे अधिक विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी नागरिकों की घर वापसी सुनिश्चित किया है। अब तक 104 स्पेशल ट्रेनें आ चुकी हैं, जिसमें शुक्रवार को भी छह ट्रेनें झारखंड पहुंचीं। अगले तीन दिनों में 56 स्पेशल ट्रेन झारखंड के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार पंजीयन कराने वाले करीब सात लाख प्रवासी नागरिकों को घर वापस लाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए अधिक से अधिक ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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