आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। धनबाद के चर्चित इंस्पेक्टर उमेश कच्छप आत्महत्या कांड की फाइल सीआइडी ने खोल दी है। जांच के बाद इंस्पेक्टर को आत्महत्या के लिए उकसानेवाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में कई पुलिस अधिकारी नप सकते हैं। नौ जून 2016 को तोपचांची के तत्कालीन इंस्पेक्टर उमेश कच्छप ने आत्महत्या कर ली थी। उस समय उनकी पत्नी ने यह आरोप लगाया था कि उनसे सीनियर पुलिस अधिकारी उन पर यह दबाव बना रहे थे कि वे जो कह रहे हैं, वह करें। आत्महत्या से पहले वाली रात उन्होंने पत्नी को इस मामले की जानकारी भी दी थी, जो अब भी रिकार्ड में है। उस समय उनकी पत्नी ने इंसाफ की गुहार कई अधिकारियों से लगायी थी। इस मामले पर हेमंत सोरेन ने भी जांच की मांग की थी।
क्या है पूरा मामला
जून 2016 में बाघमारा के एसडीपीओ नुरूल होदा की अगुवाई में कथित तौर पर गौ तस्करों के खिलाफ पुलिस जांच कर रही थी। उस समय एक ट्रक आया और उसके चालक से जब पूछताछ की जाने लगी, तो उसने हथियार निकाल पर पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। यह कहानी पुलिस द्वारा गढ़ी गयी थी। आत्मरक्षार्थ पुलिस ने जब गोली चलायी, तो चालक जख्मी हो गया। ट्रक चालक हाजीपुर का रहनेवाला था। इस मामले में हरिहरपुर थाना के प्रभारी संतोष रजक के बयान पर तोपचांची थाना में मामला दर्ज किया गया। वहां उमेश कच्छप प्रभारी थे। उन्होंने गलत प्राथमिकी दर्ज करने पर सवाल खड़ा किया था। साथ ही इसकी जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को भी दी थी। एसडीपीओ पर आरोप है कि वह चाहते थे कि पुलिस ने जो फर्जी केस किया है, उसे इंस्पेक्टर सही करे और चालक ने जो पुलिस पर केस किया है, उसे गलत ठहराया जाये। इसी दबाव में इंस्पेक्टर परेशान थे।

मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे थे इंस्पेक्टर
इंस्पेक्टर मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरने लगे। वह गलत करने को तैयार नहीं थे। उन्होंने सब कुछ अपनी पत्नी को बता भी दिया था। बाद में परेशान इंस्पेक्टर ने खुदकशी कर ली। इस मामले की जांच पहले से सीआइडी में है। सीआइडी एसडीपीओ, हरिहरपुर के थाना प्रभारी संतोष रजक, सर्किल इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा के विरुद्ध चार्जशीट कर चुकी है। सीआइडी अब अत्महत्या के पहलुओं की जांच करेगी।

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