प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने सोमवार को गुटनिरपेक्ष आंदोलन वाले देशों के वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा “जिस समय दुनिया कोरोनोवायरस से लड़ रही है, तब भी कुछ लोग आतंकवाद , फर्जी समाचार और समुदायों को बांटने के लिए कुछ अन्य घातक वायरस फैलाने में व्यस्त हैं.”

पीएम ने इस दौरान लोकतंत्र, अनुशासन और निर्णायकता के जरिए कोरोनोवायरस से निपटने के लिए भारत के अपने प्रयासों पर भी जोर दिया.

उन्होंने कहा कि इस संकट के दौरान हमने दिखाया है कि लोगों के एक वास्तविक आंदोलन को बनाने के लिए लोकतंत्र, अनुशासन  और निर्णायकता एक साथ कैसे आ सकते हैं. भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है, जैसा कि हम अपने स्वयं के नागरिकों की देखभाल करते हैं, उसी तरह हम अन्य देशों की भी मदद कर रहे हैं.

बता दे कि यह पहला मौका था जब पीएम मोदी किसी NAM सम्मेलन में भाग ले रहे थे. पीएम ने यह भी बताया कि किस तरह से देश अपनी भारी मांग के बावजूद इस जरूरत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के लिए आगे आ रहा है. मोदी ने कहा कि भारत को “दुनिया की फार्मेसी” माना जाता है और उसने 120 से अधिक देशों को दवाइयां भेजी हैं.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना का मुकाबला करने के लिए हमने अपने पड़ोसी देशों के साथ समन्वय को बढ़ावा दिया है और हम भारत के चिकित्सा विशेषज्ञता को कई अन्य लोगों के साथ साझा करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन कर रहे हैं. हमारी अपनी जरूरतों के बावजूद हमने 123 से ज्यादा देशों को मेडिकल सप्लाई भेजी है. पीएम ने कहा कि इस वायरस का इलाज और वैक्सीन की खोज करने के वैश्विक प्रयासों में नई दिल्ली सक्रिय है.

NAM की भूमिका को बताते हुए पीएम ने समूह से एकजुट बने रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आज मानवता कई दशकों में अपने सबसे गंभीर संकट का सामना कर रही है. इस समय NAM वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.

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