सरकार के आर्थिक पैकेज में एफएम रेडियो सेक्टर को किसी तरह की राहत सहायता नहीं देने से निराश एफएम रेडियो उद्योग ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था की बढ़ी गंभीर चुनौतियों ने एफएम रेडियो क्षेत्र के सामने भी मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है। एफएम रेडियो उद्योग मौजूदा आर्थिक संकट की चुनौती से निपटने के लिए 300 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहा है।

एफएम रेडियो आपरेटरों के संगठन एआरओआई की अध्यक्ष अनुराधा प्रसाद ने जावडेकर को पत्र में कहा है कि पैकेज घोषणाओं में एफएम सेक्टर से जुड़ी किसी एक मांग या सुझाव को शामिल नहीं किया गया जो एफएम रेडियो के संचालन को प्रभावित करता है।

अगर कुछ मामूली राहत का असर होगा भी तो एमएसएमई सेक्टर के कर्ज के लिए घोषित क्रेडिट गारंटी स्कीम से होगा जिसमें कुछ छोटे एफएम ग्रुप हो सकते हैं। लेकिन एफएम रेडियो के 371 स्टेशनों में से केवल 31 ही एमएसएमई के अंदर आते हैं और 340 इससे बाहर हैं। जाहिर तौर पर अधिकांश एफएम रेडियो स्टेशनों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

अनुराधा प्रसाद के मुताबिक एफएम रेडियो मुख्य रुप से सरकार के विज्ञापनों पर निर्भर हैं और बीते एक साल से सरकारी विज्ञापन बेहद कम हो गए हैं। एफएम रेडियो के पास इतना राजस्व भी नहीं कि वह इनके संचालन सुविधाओं के लिए भुगतान कर सके।

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