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    Home»Jharkhand Top News»गांजा प्लॉट कांड की जांच की आंच दूर तलक जायेगी
    Jharkhand Top News

    गांजा प्लॉट कांड की जांच की आंच दूर तलक जायेगी

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskMay 29, 2020Updated:May 29, 2020No Comments4 Mins Read
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    अजय शर्मा
    रांची। धनबाद के चर्चित गांजा प्लॉट कांड के अनुसंधान में जुटी सीआइडी के अधिकारियों ने गुरुवार को आठ घंटे तक निरसा के पूर्व थानेदार उमेश प्रसाद, पीड़ित चिरंजीत घोष, गांजा प्लॉट में मुख्य भूमिका निभानेवाले नीरज तिवारी और रवि ठाकुर के साथ दो अन्य सिपाहियों से पूछताछ की। दो दिनों तक की पूछताछ के क्रम में जो साक्ष्य सामने आये हैं, वे चौंकानेवाले हैं। इस अनुसंधान की आंच दूर तलक जायेगी। लपेटे में कई बड़े अफसर आ सकते हैं। पूर्व थानेदार ने साफ शब्दों में कहा है कि उसे इस फरजी मामले से कोई लेना-देना नहीं है। पूर्व एसएसपी कौशल किशोर के निर्देश पर सारी कार्रवाई हुई है। उन्होंने केस करने को कहा था। उनके निर्देश पर ही चिरंजीत घोष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस संबंध में एसएसपी ने थानेदार को एसएमएस भी भेजा था, जिसे जांचकर्ता अधिकारियों को सौंप दिया गया है। उसने स्वीकार किया है कि जब एसएसपी कोई आदेश दें, तो उसमें जांच की कोई गुंजाइश नहीं है। अब पूर्व एसएसपी से इस संबंध में पूछताछ की जायेगी। उनसे पूछा जायेगा कि किसकी सूचना पर फरजी केस उन्हें करवाना पड़ा। इसके पीछे कौन लोग हैं। अगर एसएसपी सच नहीं बोलेंगे, तो सारा ठीकरा उन पर फूट जायेगा।

    नीरज तिवारी और रवि ठाकुर से पूछताछ
    सीआइडी की टीम ने ंगांजा कांड में मुख्य रूप से भूमिका निभानेवाले नीरज तिवारी और रवि ठाकुर से लंबी पूछताछ की। थानेदार भी उस समय मौके पर थे। दोनों से पूछा गया कि गांजा कहां से लाया गया और किसके कहने पर गाड़ी में रखा गया। जिस कार से गांजा बरामद करने की बात कही गयी है, उसके ड्राइवर को भगा दिया गया था। उसकी भी तलाश की जा रही है। तिवारी और ठाकुर ने भी सच सीआइडी के सामने उगल दिया है। तिवारी कोयला तस्करी से जुड़ा है।

    घिघिया रहे थे सर, कुछ नहीं सुन रही थी पुलिस : चिरंजीत
    पूछताछ के क्रम में निर्दोष चिरंजीत घोष रो-रो कर आपबीती सुना रहा था। उसने टीम के समक्ष कहा कि अचानक जब पुलिस ने उसे पकड़ा, तो उसके होश उड़ गये। वह गिड़गिड़ा रहा था, लेकिन निरसा पुलिस की टीम सिर्फ इतना कह रही थी कि तुम बहुत तेज बनते हो, तुमको जेल जाना होगा। उस समय चिरंजीत घोष घिघियाता रहा, लेकिन कोई उसकी सुनने को तैयार नहीं था। पुलिस के लोग सिर्फ इतना कह रहे थे कि यह आदेश ऊपर से है।

    चिरंजीत के साथ राजू को भी थी जेल भेजने की तैयारी
    गांजा प्लॉट कांड में चिरंजीत घोष के अलावा धनबाद का रहनेवाला राजू नामक एक व्यक्ति को भी जेल भेजने की तैयारी थी। पुलिस अधिकारी ने यह दबाव बनाया था कि दोनों को जेल भेजा जाये। उस समय के थानेदार ने राजू को जेल नहीं भेजा। सीआइडी के समक्ष थानेदार ने अपना बयान दर्ज कराया है।

    पुलिस टीम के जवानों से भी हुई पूछताछ
    पुलिस टीम के उन दो जवानों से भी पूछताछ हुई, जो गांजा बरामद करने के समय मौके पर थे। इन दोनों पुलिस के जवानों ने कहा है कि हमलोग सिपाही हैं, जो अधिकारी बोलते हैं, वह करते हैं। इन सबों को शुक्रवार को एक बार फिर बुलाया गया है। सीआइडी के अधिकारियों ने सबों को एक साथ सामने कर भी पूछताछ की और सबका अलग-अलग बयान भी दर्ज कराया। बताते चलें कि इस मामले को सबसे पहले आजाद सिपाही ने दो अक्टूबर 2019 को उठाया था।

    गोड्डा के महागामा में भी चिरंजीत घोष को फंसाने की थी तैयारी
    सीआइडी को नहीं मिला है इस मामले का अनुसंधान
    चिरंजीत घोष को गोड्डा जिला में गांजा प्लॉट कांड में फंसाने की तैयारी थी। गोड्डा के महागामा थाना में कांड संख्या 180/19 एक सितंबर 2019 को दर्ज किया गया था। इस मामले में थानेदार ने मोहनपुर निवासी 23 वर्षीय निसार आलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस का दावा था कि निसार गांजा तस्कर है और उसके घर से पांच किलो गांजा बरामद किया गया। सच इसके उलट है। यह मामला भी धनबाद के निरसा से जुड़ा बताया जाता है। पुलिस ने जेल भेजने के पहले निसार आलम का बयान लिया, जिसमें कहा गया है कि गांजा चिरंजीत घोष का है। गोड्डा पुलिस ने इस मामले में जांच के आदेश दिये थे। इस मामले में भी चिरंजीत को फंसाने की पूरी तैयारी कर ली गयी थी। पुलिस यह पता नहीं लगा सकी कि धनबाद में काम करनेवाला चिरंजीत को निसार जानता भी है या नहीं। इन दोनों के बीच बातचीत हुई भी है या नहीं। साथ ही इस संबंध में सच्चाई पता लगाने की कोशिश नहीं की गयी।

    The investigation of the Ganja plot case will go away
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