प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ’मन की बात’ में रविवार को वायुसेना के ग्रुप कैप्टन एके पटनायक से बात की। वे देश में ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए चलाये जा रहे मिशन सी-17 ग्लोबमास्टर के पायलट के रूप में हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जय हिंद’ के साथ पटनायक से बातचीत शुरू की तो ग्रुप कैप्टन ने उन्हें बताया कि इस संकट के समय हम देशवासियों की सेवा कर रहे हैं, यह हमारे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है।
पालम एयर फोर्स स्टेशन से ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जुड़े ग्रुप कैप्टन पटनायक से प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरोना महामारी के समय आप बहुत बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आपने दुनिया भर से ऑक्सीजन सिलेंडर, कंटेनर लाकर देश में पहुंचाने का कार्य एक फौजी से अलग हटकर किया है। एक फौजी का कार्य तो मरने-मारने के लिए दौड़ना होता है, लेकिन आज आप लोगों की जिन्दगी बचाने के लिए दौड़ रहे हैं तो आपको कैसा अनुभव हो रहा है? इस पर पटनायक ने गर्व के साथ जवाब दिया कि इस संकट के समय हम देशवासियों की सेवा कर रहे हैं, यह हमारे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमें जो भी मिशन दिया गया है, उसे हम बखूबी निभा रहे हैं।
ग्रुप कैप्टन पटनायक ने कहा कि हमें मिली ट्रेनिंग और सपोर्ट सिस्टम हमारी पूरी मदद कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह कि हमें यह काम करके अपने नौकरी के प्रति उच्चतम स्तर की संतुष्टि मिल रही है। यही वजह है कि हम लगातार ऑपरेशन कर पा रहे हैं।ऑपरेशन के दौरान मिले अनुभवों के बारे में पूछने पर पटनायक ने बताया कि हम पिछले एक माह से लगातार विदेशों से ऑक्सीजन सिलेंडर, कंटेनर, लिक्विड ऑक्सीजन कंटेनर लाकर देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वायुसेना के परिवहन विमान अब तक 1600 से ज्यादा उड़ानें भरकर 3000 घंटों से ज्यादा उड़ चुके हैं। इसमें करीब 160 अंतरराष्ट्रीय मिशन पूरे किये हैं। वायुसेना 24 घंटे अपने ऑपरेशन में लगी हुई है, ताकि जल्दी से जल्दी हम अपने देश की ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा कर सकें। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन कंटेनर पहुंचाने में पहले 2-3 दिन लगते थे लेकिन अब हम 2-3 घंटे में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा रहे हैं।
ग्रुप कैप्टन एके पटनायक फरवरी, 2020 में चीन के वुहान में चलाये गए बचाव मिशन का भी हिस्सा थे। उन्होंने 26 फरवरी, 20 को वायुसेना स्टेशन, पालम से सी-17 ग्लोबमास्टर से हुबेई प्रांत में स्थित मध्य चीनी शहर के लिए उड़ान भरी। भारत सरकार के सद्भावना संकेत के रूप में चालक दल, चिकित्सा दल और सहायक कर्मचारियों ने चीन के वुहान में 15 टन चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की। इसके साथ ही चीन के वुहान से 120 नागरिकों को रेस्क्यू किया जिसमें 05 बच्चे भी शामिल थे। 27 फरवरी 20 को सुबह 6.35 बजे वायु सेना स्टेशन, पालम लौटने वाले यात्रियों में मुख्य रूप से भारतीय नागरिक और मित्र देशों के नागरिक थे।